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डाइट पंचकूला में पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न

पंचकूला,कमल कलसी।, जिला शिक्षा एवं शिक्षण संस्थान, पंचकूला में 24 सितम्बर से 29 सितम्बर तक पंचकूला जिले के हिंदी प्रवक्ताओं का क्षमता संवर्द्धन प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न हुआ। डाइट की वरिष्ठ प्रवक्ता श्रीमती रश्मि शर्मा ने प्रशिक्षण की आवश्यकता पर शिक्षकों को जागरूक किया। इसमें नई शिक्षा नीति, पाठ योजना, गद्य शिक्षण, कविता शिक्षण, बहुभाषिकता, रचनात्मक लेखन, विद्यालय आधारित आकलन, ई कंटेंट, हिंदी में इंटरनेट का प्रयोग, अनुमान और कल्पना, पोक्सो एक्ट, कक्षा में अनुशासन, समास शिक्षण, शब्दकोश, कला समेकित शिक्षा, अभिव्यक्ति और माध्यम, एन पी एस टी आदि विषयों पर श्रीमती बबीता, नूतन वर्मा, कुसुमलता, सुशीला देसवाल, रजनी अग्रवाल,डॉ. सुनील रानी, डॉ. विनोद शर्मा, वीरेंद्र गौड़, डॉ. जसवंत सिंह तथा डॉ अश्वनी शांडिल्य ने गतिविधि आधारित व्याख्यान दिए। अंतिम दिन प्रतिभागी शिक्षकों ने अपनी प्रस्तुति भी दी। डाइट प्राचार्य व जिला शिक्षा अधिकारी, पंचकूला श्रीमती संध्या छिकारा ने प्रशिक्षण कार्यक्रमों की गुणवत्ता को बनाए रखने पर बल दिया।

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25 सितम्बर से 25 दिसम्बर तक चलेगा आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान अभियान

हरियाणा आत्मनिर्भर भारत में निभाएगा अग्रणी भूमिका : नायब सिंह सैनीस्वदेशी ही हमारी ताकत, हर गांव में पहुंचेगा अभियान चंडीगढ़, (संजय राय )- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के ‘विकसित भारत’ के विज़न को साकार करने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है। उन्होंने कहा कि 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने का मार्ग आत्मनिर्भरता से होकर जाता है और यह अभियान आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को जन-जन तक पहुंचाने में अग्रणी भूमिका निभाएगा।मुख्यमंत्री आज चंडीगढ़ में मीडिया बंधुओं को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि यह अभियान गत 25 सितम्बर को पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की जयंती से शुरू हुआ है और 25 दिसम्बर, भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती तक चलेगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा की पौने तीन करोड़ जनता इस राष्ट्रीय महायज्ञ में अपनी अग्रणी भूमिका निभाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार ने इस अभियान को हरियाणा के हर गांव और हर शहर तक पहुंचाने के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना बनाई है। मुख्यमंत्री ने बताया कि ‘स्वदेशी’ का विचार हमारे लिए नया नहीं है। महर्षि दयानंद सरस्वती जी, बंगाल के स्वदेशी आंदोलन, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के नेतृत्व में स्वतंत्रता संग्राम और पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के एकात्म मानव दर्शन से यह स्पष्ट होता है कि आर्थिक व्यवस्था स्वदेशी पर आधारित होनी चाहिए। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हम उसी गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं।स्वदेशी, स्वभाषा और स्वभूषा – आत्मनिर्भर भारत के तीन स्तंभ उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान तीन स्तंभों स्वदेशी, स्वभाषा और स्वभूषा पर आधारित है। स्वदेशी का अर्थ भारत में ही वस्तुओं का उत्पादन और उपयोग करना है। इस दिशा में देश में स्टार्टअप्स की संख्या 1.60 लाख तक पहुंच गई है। हाल ही में इसरो ने भारत की पहली स्वदेशी सेमीकंडक्टर चिप ‘विक्रम-32’ विकसित की है। आज भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्माता बन चुका है। मुद्रा और पी.एल.आई. योजनाओं के माध्यम से MSME और निर्माताओं को बड़े स्तर पर सहयोग दिया जा रहा है, जिससे निर्यात 825 बिलियन डॉलर तक पहुंचा है। श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि स्वभाषा का अर्थ भारतीय भाषाओं और ज्ञान प्रणालियों को बढ़ावा देना है। नई शिक्षा नीति में त्रिभाषा शिक्षा को प्रोत्साहन दिया गया है और MBBS, इंजीनियरिंग सहित कई विषय भारतीय भाषाओं में पढ़ाए जा रहे हैं। इसी तरह, स्वभूषा का अभिप्राय हमारी अपनी विरासत, डिज़ाइन और सौंदर्यशास्त्र को अपनाने से है। खादी और ग्राम उद्योगों का कारोबार 1.70 लाख करोड़ रुपये पार कर चुका है। एक जिला-एक उत्पाद योजना में 750 जिलों से 1200 से अधिक उत्पादों की पहचान की गई है, जिनकी बिक्री ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों पर 2,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है।आत्मनिर्भर भारत की नई उपलब्धियां उन्होंने कहा कि भारत के लिए आत्मनिर्भरता केवल एक कल्पना नहीं, बल्कि आज जमीन पर उतरती हकीकत है। रक्षा निर्यात 34 गुना बढ़ा है, UPI दुनिया में अपनी पहचान बना चुका है, मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स 2 से बढ़कर 300 से अधिक हो गई हैं, और इसरो के मंगलयान, चंद्रयान-3, आदित्य-L1 तथा गगनयान मिशनों ने दुनिया में भारत का डंका बजाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज भारत दुनिया की दवाओं और टीकों का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता बन चुका है। हम वैश्विक स्तर पर 20 प्रतिशत जेनेरिक दवाएं और 60 प्रतिशत वैक्सीन की आपूर्ति कर रहे हैं। आज अमेरिका में उपयोग होने वाली 40 प्रतिशत और ब्रिटेन में 25 प्रतिशत दवाएं भारत से जाती हैं। उन्होंने बताया कि ‘मेक इन इंडिया’ की नीति का प्रभाव यह है कि आज देश में बिकने वाले 99.20 प्रतिशत मोबाइल फोन अब मेड इन इंडिया हैं। नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में भी भारत ने अभूतपूर्व प्रगति की है। देश नवीकरणीय क्षमता मंह चौथे, सौर ऊर्जा में तीसरे और पवन ऊर्जा में चौथे स्थान पर है। हमारी सौर क्षमता 39 गुणा बढ़ी है और पवन ऊर्जा दोगुनी हो चुकी है। मुख्यमंत्री ने बताया कि 10 करोड़ से अधिक बहनें स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से सशक्त हुई हैं। मुद्रा ऋण लेने वालों में 68 प्रतिशत और स्टैंड-अप इंडिया लाभार्थियों में 83 प्रतिशत हमारी बहन-बेटियां हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सच्ची आत्मनिर्भरता केवल आर्थिक नहीं, बल्कि मानसिक और सांस्कृतिक भी होती है। दिल्ली में राजपथ का नाम ‘कर्तव्य पथ’ करना, भारतीय नौसेना के ध्वज में परिवर्तन और IPC व CRPC के स्थान पर भारतीय न्याय, नागरिक सुरक्षा व साक्ष्य संहिता का आना, गुलामी की मानसिकता के प्रतीकों को मिटाने के ऐतिहासिक कदम हैं। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान में हरियाणा प्रदेश अपनी पूरी शक्ति से योगदान देगा। ‘जय जवान, जय किसान’ के साथ-साथ ‘जय विज्ञान’ को चरितार्थ करने में हरियाणा हमेशा आगे रहा है। इसके लिए हरियाणा सरकार ने विस्तृत कार्ययोजना बनाई है। जिलों और मंडलों में होंगे सम्मेलन, रथ यात्रा, व्यापारी और MSME संगोष्ठियाँउन्होंने बताया प्रदेश के सभी जिलों और मंडलों में नवंबर-दिसंबर में ‘आत्मनिर्भर भारत संकल्प सम्मेलन’ आयोजित किए जाएंगे। व्यापारी सम्मेलन’, ‘MSME उद्योगपति सम्मेलन’ और कॉलेजों में युवाओं के साथ संवाद के लिए ‘संकल्प सेमिनार’ होंगे। पूरे प्रदेश में ‘आत्मनिर्भर भारत संकल्प रथ यात्रा’ निकाली जाएगी। दिवाली पर विदेशी लाइट्स की जगह स्थानीय मिट्टी के दीयों के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाएगा। ‘संकल्प फॉर आत्मनिर्भर भारत’ का लोगो तैयार करके दुकानदारों व व्यापारियों को वितरित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि किसान प्राकृतिक खेती अपनाएं, युवा नौकरी लेने वाले नहीं, नौकरी देने वाले बनें, माताएं-बहनें स्थानीय उत्पाद खरीदें और व्यापारी मित्र स्वदेशी उत्पाद बेचने का संकल्प लें। इस अवसर पर सुरेंद्र पूनिया महामंत्री और प्रभारी आत्मनिर्भर भारत अभियान, प्रवीण अत्रे मुख्यमंत्री के मीडिया सचिव, पर्व शर्मा संयोजक आत्मनिर्भर भारत अभियान, संदीप तथा सन्नी नारा सदस्य आत्मनिर्भर भारत अभियान समिति आदि उपस्थित थे l

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हम खुश हैं कि हम एशिया कप जीतें है और हमारे खिलाड़ियों ने बिना शील्ड लिए ही जीत का जश्न खेल के मैदान में मनाना शुरू किया : अनिल विज

कांग्रेस द्वारा एक वर्ष बाद नेता विपक्ष चुनने व उभरती गुटबाजी पर ऊर्जा मंत्री अनिल विज तंज, बोले “इब्तिदा-ए-इश्क है रोता है क्या, आगे-आगे देखिये होता है क्या” बिहार में शुद्ध मतदाता सूची पर किसी को कोई एतराज नहीं होना चाहिए : विज चंडीगढ़, 30 सितम्बर (संजय राय ) हरियाणा के ऊर्जा, परिवहन एवं श्रम मंत्री श्री अनिल विज ने कांग्रेस द्वारा विपक्ष का नेता चुनने में लगभग एक वर्ष लगाने व उभरती गुटबाजी पर अपने अंदाज में तंज कसते हुए गुनगुनाया “इब्तिदा-ए-इश्क है रोता है क्या, आगे आगे देखिये होता है क्या”। श्री विज आज पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि किस पार्टी का कौन बनेगा, किसको क्या दायित्व दिया जाएगा इससे हमारा कोई लेना देना नहीं। मगर एक बात है कि निर्णय लेने में इन्होंने लगभग एक साल लगा दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कभी सत्ता में आए ऐसा तो होना नहीं है, मगर यदि यह सत्ता में हो और देश में पाकिस्तान से हमला हो जाए तो इनके फैसला लेते-लेते पाकिस्तान की सेना दिल्ली में घुस जाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने एक साल लगाया है विपक्ष नेता चुनने में। यह देश की जिम्मेवार पार्टी नहीं है, यह देश के दायित्वों का, देश की जिम्मेवारियों का, विपक्ष के नेता का यह दायित्व पूरा नहीं कर सके। हम खुश हैं कि हम जीतें है और हमारे खिलाड़ियों ने बिना शील्ड लिए ही जीत का जश्न खेल के मैदान में मनाना शुरू किया : अनिल विज टी-20 एशिया कप में विजेता भारतीय टीम द्वारा पाकिस्तान के एसीसी अध्यक्ष मोहसीन से ट्राफी नहीं लेने पर ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने कहा कि किसी भी मैच की सबसे बड़ी शील्ड वो होती है जो लोग देते हैं। सारे मैच हराकर और एशिया कप को जीतकर 144 करोड़ भारतीयों ने जो दिल की भावनाओं से शील्ड दी उसके मुकाबले वो शील्ड कुछ नहीं है। नापाक व खून से रंगे हाथों से तीर्थ यात्रियों पर हमला करने वाले हाथों से खिलाड़ी शील्ड कैसे ले सकते हैं। हम खुश हैं कि हम जीतें है और हमारे खिलाड़ियों ने बिना शील्ड लिए ही जीत का जश्न खेल के मैदान में मनाना शुरू किया। बिहार में शुद्ध मतदाता सूची पर किसी को कोई एतराज नहीं होना चाहिए : मंत्री अनिल विज बिहार में नई मतदाता सूची के प्रश्न पर ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने कहा कि बिहार में शुद्ध मतदाता सूची जारी की जा रही है जिस पर किसी को कोई एतराज नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐतराज करने के लिए नियमों के तहत प्रावधान एक माह पहले दिया गया था, उसके बाद ही मतदाता सूची जारी की गई है और इस पर चुनाव सबको करवा लेना चाहिए।

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अखिल भारतीय दुर्गा पूजा सेवा समिति द्वारा भव्य नव दिवसीय नवरात्र उत्सव

ठाणे,महाराष्ट्र (इंद्र यादव )30सितंबर। शरद ऋतु की मंद सुगंध और आसमान पर घने बादलों के बीच,ठाणे जिले के वागले एस्टेट इलाके में रूपादेवी क्षेत्र एक बार फिर भक्ति की लहरों से सराबोर हो गया है। यहां की “अखिल भारतीय दुर्गा पूजा सेवा समिति” द्वारा आयोजित सार्वजनिक नव दिवसीय नवरात्र उत्सव ने स्थानीय निवासियों के साथ-साथ दूर-दूर से आए श्रद्धालुओं को एकजुट कर दिया है। यह उत्सव न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि सांस्कृतिक एकता और सामुदायिक सद्भाव का भी जीवंत उदाहरण बन गया है।समिति के अनुसार, रूपादेवी के इस सार्वजनिक पंडाल में पारंपरिक विधि-विधान के साथ मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की जाएगी।वागले एस्टेट का यह इलाका, जो ठाणे शहर का एक व्यस्त आवासीय क्षेत्र है, नवरात्र के दौरान एक आध्यात्मिक केंद्र में बदल जाता है। आसपास की सड़कें रंग-बिरंगी लाइटों और फूलों की सजावट से जगमगा उठती हैं। पूर्व नागसेवक श्री.राज कुमार यादव जी ने बताया कि, “यहां का उत्सव हमें अपनी जड़ों और संस्कृति से जोड़ता है। समिति के अध्यक्ष श्री.राज कुमार मिश्रा जी ने बताया, “यह उत्सव मात्र पूजा,अर्चना तक सीमित नहीं है। हमने नौ दिनों के लिए विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया है, जिसमें गुजराती गरबा, बंगाली धुनों पर आधारित नृत्य और महाराष्ट्रीयन लोकगीतों की प्रस्तुतियां शामिल हैं। इस मौके पर समाजसेवी- श्री.महेंद्र सोडारी जी,श्री राधा फ़त्ते बहादुर सिंह ,श्री. सचिन पटवा, पं. बदिनाथ शुक्ला, श्री. लक्ष्मण चौहान,श्री. फुलचंद साड़ी,श्री. गुलाबचंद गुप्ता,श्री. गोकुल रावत, श्री. अरुण विश्वकर्मा,श्री. प्रदिप चौहान, श्री. शशिकांत भगवान, श्री. बबलु मिश्रा, श्री. संतीप राय, श्री. विक्की उपाध्याय,श्री. यशश्रीराम राजभर,श्री बेचन प्रसाद यादव उपस्थित रहे।यदि आप भी इस दिव्य उत्सव का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो वागले एस्टेट, रूपादेवी पहुंचें।

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उत्तर प्रदेश के बादलों में उड़ रहे “ड्रोनों की क्या है “साजिश” ?

(इंद्र यादव), उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में रात का सन्नाटा अब डरावना हो चला है। आकाश में टिमटिमाती लाइटों के साथ उड़ते संदिग्ध ड्रोन न केवल नींद चुरा रहे हैं, बल्कि पूरे परिवारों की शांति भी हराम कर रहे हैं। संभल, अमरोहा, मुरादाबाद, बिजनौर, हापुड़, जौनपुर, भदोही और गोरखपुर जैसे जिलों से ऐसी खबरें लगातार आ रही हैं, जहां ग्रामीण रातभर लाठियां-डंडे थामे पहरा दे रहे हैं। आखिर ये ड्रोन कौन उड़ा रहा है? क्या ये चोरी की साजिश का हिस्सा हैं, या सिर्फ अफवाहों का शिकार? और सबसे बड़ा सवाल-क्या ड्रोन नियमों का पालन हो रहा है। यह “राज”चोरों की ‘रेकी’ या सरकारी सर्वे है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में पिछले दो महीनों से रात के अंधेरे में ड्रोन उड़ने की घटनाएं बढ़ गई हैं। संभल और अमरोहा के ग्रामीणों का कहना है कि ये ड्रोन घरों के ऊपर मंडराते हैं, जैसे किसी नजर रख रहे हों। एक ग्रामीण ने बताया, “रात के 12 बजे आसमान में लाल-नीली लाइटें चमक रही थीं। हमने सोचा चोर रेकी कर रहे हैं। पूरे गांव ने रात गुजार दी जागते हुए।” इसी तरह, बिजनौर के 50 से अधिक गांवों में ड्रोन की अफवाह ने दहशत मचा दी है। यहां तक कि कुछ जगहों पर निर्दोष लोगों को ड्रोन उड़ाने का शक लगने पर पीट दिया गया तो वंही जौनपुर के तियारी गांव में शुक्रवार रात कई ड्रोन देखे गए, जिसके बाद ग्रामीण हथियारों से लैस हो गए। भदोही में तो एक ड्रोन खेत में गिरा भी, जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया। गोरखपुर के कैंपियरगंज क्षेत्र में राप्ती नदी के किनारे बसे गांवों में चार ड्रोन उड़ते देखे गए, जिससे लोग छतों पर चढ़कर निगरानी करने लगे। फतेहपुर के घिनवांखेड़ा गांव में ग्रामीणों ने ड्रोन का पीछा किया, लेकिन वस्तु गायब हो गई। पुलिस का कहना है कि ज्यादातर मामलों में ये अफवाहें ही हैं। हापुड़ में जो ड्रोन समझा गया, वो पतंग या प्लास्टिक बैग निकला। मुजफ्फरनगर में दो युवकों ने कबूतरों पर लाइटें बांधकर उड़ाए, जिससे भ्रम फैला। फिर भी, कुछ जगहों पर असली ड्रोन पाए गए हैं। गोरखपुर पुलिस ने स्पष्ट किया कि ये भारतीय सर्वेक्षण विभाग के नदियों के सर्वे के लिए हैं। लेकिन सवाल यह है कि रात में सर्वे क्यों? मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्च स्तरीय बैठक में निर्देश दिए हैं कि बिना अनुमति ड्रोन उड़ाने वालों पर सख्त कार्रवाई हो।सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा गरम है। एक यूजर ने लिखा, “भदोही में रात के ड्रोन ने दहशत फैला दी। पुलिस को सूचना दो, अफवाह मत फैलाओ।” वहीं, रायबरेली के सेमरी रना पुर गांव से शिकायत आई कि दो दिनों से ड्रोन उड़ रहे हैं, महिलाएं-बच्चे डरे हुए हैं। बस्ती के गौर थाना क्षेत्र में चोरी की घटनाओं के बाद ड्रोन उड़ान ने आक्रोश बढ़ा दिया। तो क्या बिना अनुमति के उड़ान भर रहे है ड्रोन। ड्रोन तकनीक ने कृषि, सर्वे और आपदा प्रबंधन में क्रांति ला दी है, लेकिन बिना नियंत्रण के ये खतरा बन सकती है। भारत सरकार के नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के 2025 अपडेटेड दिशानिर्देशों के अनुसार, सभी ड्रोन को डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म पर रजिस्टर करना अनिवार्य है। प्रत्येक ड्रोन को यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर (UIN) मिलना चाहिए। रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस – 250 ग्राम से अधिक वजन वाले ड्रोन के लिए रिमोट पायलट सर्टिफिकेट (RPC) जरूरी। ट्रेनिंग और परीक्षा पास करनी पड़ती है। ” फ्लाइट परमिशन” डिजिटल स्काई ऐप से अनुमति लें। रेड जोन (हवाई अड्डे, सैन्य क्षेत्र) में उड़ान प्रतिबंधित। जनसंख्या घनी जगहों पर स्थानीय पुलिस की मंजूरी चाहिए। रात में उड़ान के लिए विशेष अनुमति। अधिकतम ऊंचाई 400 फीट। नो-फ्लाई जोन में प्रवेश पर जुर्माना या जेल। बिना अनुमति उड़ान पर 1 लाख रुपये तक जुर्माना। यदि जासूसी या चोरी से जुड़ा, तो आईटी एक्ट और IPC के तहत मुकदमा।यूपी में बिजनौर प्रशासन ने ड्रोन उड़ाने पर 1 लाख का जुर्माना लगाने की एडवाइजरी जारी की है। फिर भी, शरारती तत्व खिलौना हेलीकॉप्टर या कबूतरों से भ्रम फैला रहे हैं। DGCA के अनुसार, 2025 में ड्रोन उपयोग बढ़ा है, लेकिन नियमों की अनदेखी से ही ऐसी घटनाएं हो रही हैं। ऐसे में आम नागरिक को चाहिए कि संदिग्ध ड्रोन देखें तो वीडियो बनाएं और पुलिस को सूचित करें।बअफवाहें न फैलाएं। ड्रोन खरीदने से पहले DGCA गाइडलाइंस पढ़ें। यह दहशत सिर्फ तकनीक का दुरुपयोग नहीं, बल्कि जागरूकता की कमी का परिणाम है। सरकार को ड्रोन रजिस्टर अनिवार्य कर स्थानीय स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने चाहिए। ताकि उत्तर प्रदेश का आकाश विकास का माध्यम बने, डर का नहीं। पुलिस की सक्रियता से स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन ग्रामीणों की चिंता बनी हुई है। क्या ये ड्रोन चोरों के हैं, या सर्वे के? समय जवाब देगा, लेकिन तब तक रातें जागरण की रहेंगी।

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माता मनसा देवी मंदिर से दर्शन कर लौट के जा रहे श्रद्धालुओं की गाड़ी पिकअप पलटी

पंचकूला,कमल कलसी , 35 से ज्यादा श्रद्धालु एक पिकअप गाड़ी में माता मनसा देवी के दर्शनों को गए थे। जब सभी श्रद्धालु पिकअप गाड़ी से माता के दर्शन कर लौट रहे थे तो पंचकूला के सेक्टर 3 के सामने शिमला जीरकपुर हाईवे पर अनियंत्रित होकर पलट गई।जिसमें सवार एक व्यक्ति की मौत हो गई और करीब 25 से 30 घायलों को सेक्टर 6 हॉस्पिटल में उपचार के लिए लाया गया। जिनमें करीब दर्जन भर घायलों को चंडीगढ़ सेक्टर 32 हॉस्पिटल और चंडीगढ़ पीजीआई रेफर किए गए है। सूचना मिलने पर उपायुक्त पंचकूला सतपाल शर्मा और पुलिस उपायुक्त सृष्टि गुप्त व सेक्टर 21पुलिस चौंकी दीदार सिंह मरीजों का हाल जानने सेक्टर 6 के हॉस्पिटल पहुंचे। बताया जा रहा है। मनसा देवी मंदिर से दर्शन करके सभी श्रद्धालु जीरकपुर के प्रभात गांव अपने घर जा रहे थे। और जैसे ही पुराने पंचकूला से आगे गाड़ी मोड़ते वक्त मोहिंदरा पिकअप अनियंत्रित होकर पलट गई। डॉक्टर मनीदर ने बताया कि घायलों के नाम जिनमें एक बिना नाम व्यक्ति 40 साल, अमित 17 साल, गौरव 11 साल को चंडीगढ़ पीजीआई रेफर किया गया। और शाम सुंदर 32 साल, विजय 20 साल, रिशु 12 साल, प्रिंस 18 साल को चंडीगढ़ के सेक्टर 32 रेफर किया गया। काजल 20 साल, रेणु देवी 20 साल, कंवर पाल 28 साल, अंकुश 15 साल, निर्दोष कुमार 45 साल, धर्मेद्र 35 साल, नीतीश 18 साल, राम कृष्ण 24 साल, अमन कुमार 9 साल, दर्शन 11 साल, शिवम 22 साल, ऋतिक सिंह 8 साल, रूम सिंह 38 साल, रेखा सिंह 40 साल, उमेश 50 साल, पिंटू 27 साल, अमृत 15 साल है जिनका इलाज सेक्टर 6 हॉस्पिटल में चल रहा है। सभी जीरकपुर के गांव प्रभात के रहने वाले बताए जा रहे है। स्थानीय समाज सेवी द्वारा चलाई जा रही एम्बुलेंस ने जायदा मरीजों को पंचकुला हॉस्पिटल पहुचाने में मदद की है।

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निगम कमिश्नर डा. आनंद शर्मा ने डांडिया नाईट कार्यक्रम में दिया स्वच्छता संदेश, जूट के बने बैग किए वितरित

रोहतक (ईशान टाइम्स )। नगर निगम आयुक्त डा0 आनंद कुमार शर्मा ने बताया कि रोहतक के ओल्ड आई.टी.आई. में स्थित मदनलाल ढींगरा कम्युनिटी सेंटर में एंकर सुकर्म जग्गा द्वारा डांडिया नाइट 2025 का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में निगम आयुक्त ने स्वच्छता संदेश देने के लिए भाग लिया तथा उन्होने अपने संबोधन में कहा कि स्वच्छता किसी एक संस्था या विभाग की जिम्मेदारी नहीं बल्कि समाज के हर नागरिक का कर्तव्य है। उन्होंने कहा यदि हम सब मिलकर छोटे-छोटे प्रयास करेंगे, तो रोहतक को स्वच्छ, सुंदर और स्वस्थ शहर बनाने का सपना शीघ्र ही साकार होगा। कार्यक्रम में उपस्थित दर्शकों व प्रतिभागियों को नगर निगम द्वारा जूट से बने पर्यावरण अनुकूल बैग वितरित किए गए तथा कहा कि अब समय आ गया है कि हम सब मिलकर ‘‘प्लास्टिक को ना और जूट जैसे विकल्पों को हाँ’’ कहें। इसका उद्देश्य लोगों को प्रतिबंधित प्लास्टिक के उपयोग से हतोत्साहित करना और दैनिक जीवन में टिकाऊ विकल्प अपनाने के लिए प्रेरित करना था। नगर निगम आयुक्त डा0 आनंद कुमार शर्मा ने लोगों से नगर निगम के स्वच्छता ऐप से जुड़ने का भी आह्वान किया। उन्होंने बताया कि इस ऐप के माध्यम से घर या आस-पास से सफाई से सम्बन्धित अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। कार्यक्रम में यह संकल्प भी लिया गया कि आने वाले दिनों में सभी नागरिक स्वच्छता अभियान को जन-आंदोलन बनाएंगे और अपने-अपने मोहल्लों, वार्डों व कालोनियों को स्वच्छ व प्लास्टिक मुक्त बनाने में सक्रिय भूमिका निभाएँगे तथा अपने घरो/संस्थानो में डस्टबीन अवश्य रखेगें।

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अमरनाथ गुप्ता कार्यकारी निदेशक नियुक्त हुए

अखिल भारतीय छावा संगठन, ठाणे जिला के कार्यकारी निदेशक नियुक्त हुए अमरनाथ गुप्ता महाराष्ट्र ठाणे:(इंद्र यादव )। अखिल भारतीय छावा संगठन, ठाणे जिला ने अमर गुप्ता जी को अपना नया कार्यकारी निदेशक नियुक्त किया है। इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के लिए उनकी नियुक्ति संगठन के प्रति उनके समर्पण, नेतृत्व कौशल और सामाजिक कार्यों में उनकी सक्रिय भागीदारी को दर्शाती है। अखिल भारतीय छावा संगठन ठाणे जिला कार्यकारी अध्यक्ष पद्दी अमरनाथ गुप्ता को केंद्रीय अध्यक्ष – नानासाहेब जावले पाटिल द्वारा नियुक्त किया गया, इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष – पंजाबराव काले पाटिल, पश्चिम महाराष्ट्र अध्यक्ष – मच्छिन्द्र भाऊ चिंचोले, मराठवाड़ा कार्यकारी अध्यक्ष विलास बापू कोल्हे, जालना अध्यक्ष – राधेश्याम पावल, जालना संपर्क प्रमुख – मच्छिन्द्र भाऊ घोगरे पाटिल- संभाजी नगर जिला अध्यक्ष – अशोक भाऊ मोरे, पश्चिम महाराष्ट्र संयुक्त सचिव श्रीकांत मलिशे, पिंपरी उपस्थित थे। चिंचवड़ शहर अध्यक्ष संजय भाऊ कांबले, पिंपरी चिंचवड़ शहर अध्यक्ष टीचर्स एलायंस – सीताराम वाघ सर, ठाणे जिला कार्यकारी अध्यक्ष – अमरनाथ गुप्ता, बुलढाणा जिला अध्यक्ष – अशोक राजे जाधव, बुलढाणा जिला कार्यकारी अध्यक्ष – कृष्णा कोल्हे, शिदानखेड राजा तालुका अध्यक्ष – बालासाहेब शेलके, शिंदखेड राजा तालुका आयोजक – शंकरराव शिंदे ठाणे जिला – रोशन ढाडे उपस्थित थे रहे। अमर गुप्ता जी ने हमेशा सामाजिक उत्थान और संगठन के उद्देश्यों को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाई है। उनकी इस नई भूमिका में संगठन को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की उम्मीद है। अखिल भारतीय छावा संगठन के सभी सदस्यों, कार्यकर्ताओं और शुभचिंतकों की ओर से अमर गुप्ता जी को इस उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। हम उनके कुशल नेतृत्व में संगठन के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं।

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90के दशक की टपोरी भाषा और टपोरीगिरी बोले तो हंसी का डोज़ है (लेख :हास्यऔर यादें )

[ इंद्र यादव अरे भाई…भाई,सुन न, 90 का दशक, वो भी मुंबई में! वो भी क्या ज़माना था जब टपोरी भाषा और टपोरीगिरी ने शहर की गलियों को ऐसा रंग दिया कि हर गली में एक ‘भाई’ और हर नुक्कड़ पर एक ‘खतरनाक’ स्टाइल मारता हुआ नौजवान मिल ही जाता। टपोरीगिरी सिर्फ़ एक स्टाइल नहीं था, यार, वो तो एक मूड था, एक मस्ती थी, एक जिंदगी जीने का तरीक़ा था! तो चल, थोड़ा टाइम मशीन में बैठकर उस दौर में झांकते हैं 90 के दशक में मुंबई की गलियों में अगर आप बिना ‘भाई’, ‘रापचिक’, ‘झकास’, या ‘खतरनाक’ बोले चले गए, तो समझ लो आप मुंबई में थे ही नहीं! टपोरी भाषा का जादू ऐसा था कि आम बात को भी मसालेदार बना दे। मान लो, कोई दोस्त बाइक पर आया और बोला, “क्या, भाई, किधर को चला?” तो जवाब मिलता, “अरे, बस रापचिक माल देखने जा रहा हूँ, तू भी चल!” अब ये ‘माल’ कोई ज्वेलरी नहीं, बल्कि टपोरी कोड में कुछ और ही होता था, समझे ना । ये भाषा बॉलीवुड से भी खूब प्रेरित थी। अनिल कपूर की “झकास!” चीख और मिथुन के डॉयलाग के साथ साथ संजय दत्त का “खतरनाक!” अंदाज़ टपोरी भाषा के लिए ऑक्सीजन का काम करता था। गुलशन ग्रोवर और रजा मुराद जैसे विलेन भी टपोरी डायलॉग्स में जान डालते थे। “अपुन को तो बस एक मौका चाहिए, फिर देख कैसे सीन पलटता है!” – ये डायलॉग सुनकर तो गली का हर लड़का खुद को मोगैंबो समझने लगता था। और हाँ, टपोरी भाषा में गालियाँ भी थीं, लेकिन वो गालियाँ नहीं, प्यार का इज़हार थीं! जैसे, “साला, तू तो एकदम टकाटक है!” ये सुनकर सामने वाला शरमाता नहीं, बल्कि सीना चौड़ा करके बोलता, “अरे, अपुन तो बिंदास है, भाई!” टपोरीगिरी सिर्फ़ बोलने का ढंग नहीं, बल्कि जीने का स्टाइल था। टपोरी का लुक तो ऐसा कि मानो फैशन डिज़ाइनर ने गलती से सारी रोब एक साथ डाल दी हो। चमकीली शर्ट, जिसके बटन खुले हों ताकि बनियान की झलक दिखे, टाइट जीन्स, और अगर जूते नहीं मिले तो कोल्हापुरी चप्पल! ऊपर से माथे पर तिरछा टोपी या फिर बालों में इतना तेल कि मक्खियाँ भी फिसल जाएँ। और हाँ, गले में सोने की चेन, भले ही वो असली हो या नकली, लेकिन चमक ऐसी कि सूरज भी शरमा जाए।टपोरी का चलना भी अपने आप में एक कला था। कंधे हिलाते हुए, एक तरफ़ झुके हुए, जैसे अभी-अभी किसी फिल्म के सेट से निकलकर आए हों। और अगर जेब में पैसे नहीं थे, तो भी टपोरी का कॉन्फिडेंस ऐसा कि सामने वाला सोचे, “लगता है, ये भाई किसी बिजनेसमैन का बेटा है! 90 के दशक में टपोरीगिरी का असली मज़ा था गली-मोहल्लों में। मान लो, कोई टपोरी अपने दोस्तों के साथ नुक्कड़ पर खड़ा है, चाय की टपरी पर गप्पें मार रहा है। बात शुरू होती थी क्रिकेट से, फिर बॉलीवुड, और आखिर में पहुँचती थी ‘लव स्टोरी’ पर। “अरे, वो सामने वाली गली की शीला, भाई, उसने मुझे लाइन दी!” अब शीला ने सचमुच लाइन दी हो या ना दी हो, टपोरी की कहानी में तो वो माधुरी दीक्षित से कम नहीं होती थी।और अगर कोई टपोरी को टक्कर देने की कोशिश करता, तो बस एक डायलॉग, “अपुन को टेंशन मत दे, वरना इंजेक्शन दे दूँगा!” सुनकर सामने वाला हँसते-हँसते भाग जाता। टपोरीगिरी में मारपीट कम, मस्ती ज़्यादा थी। 90 के दशक में बॉलीवुड ने टपोरीगिरी को और चमकाया। ‘रंगीला’ का मुन्ना (आमिर खान) हो या ‘सत्या’ का भिकू म्हात्रे (मनोज बाजपेयी), इन किरदारों ने टपोरी को हर घर में पहुँचाया। मुन्ना का “हाय, रापचिक माल!” और भिकू का “मुंबई का किंग कौन? भिकू म्हात्रे!” सुनकर तो गली का हर लड़का अपने आप को हीरो समझने लगता था।और सिर्फ़ हीरो ही नहीं, विलेन भी टपोरी स्टाइल में बोलते थे। “बड़े बड़े शहरों में छोटी छोटी बातें होती रहती हैं,” गब्बर का ये डायलॉग भले ही 70 के दशक का था, लेकिन 90 में भी टपोरी इसे अपने स्टाइल में यूज़ करते थे।बआज भले ही मुंबई बदल गई हो, मॉल्स और मेट्रो ने गलियों को थोड़ा पीछे धकेल दिया हो, लेकिन टपोरीगिरी का जादू अभी भी बाकी है। आज भी कोई दोस्त मिले और बोले, “क्या, भाई, एकदम झकास लग रहा है!” तो मन में वही 90 का वाला वाइब आ जाता है। टपोरी भाषा और टपोरीगिरी मुंबई की धड़कन थी, है, और रहेगी।तो भाई, अगली बार जब तू मुंबई की गलियों में निकले, थोड़ा टपोरी स्टाइल मारना तो बोलना, “अपुन तो बिंदास है भाय ” और देख, कैसे सारा सीन पलट जाता है!

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लाड़ो लक्ष्मी योजना महिलाओं के साथ बड़ा छलावा” – सुधा भारद्वाज

: पंचकुला 27 सितंबर (ईशान राय ईशान टाइम्स हरियाणा प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुधा भारद्वाज ने भाजपा सरकार द्वारा हाल ही में शुरू की गई “दीन दयाल लाड़ो लक्ष्मी योजना” को महिलाओं के साथ चुनावी छलावा और धोखा करार दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने चुनाव से पहले यह वादा किया था कि हरियाणा की हर महिला को 2100 रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे, लेकिन योजना में लगाई गई कड़ी शर्तों ने अधिकांश महिलाओं को इससे बाहर कर दिया है। मुख्य आपत्तियां: आय सीमा केवल 1 लाख – जबकि हरियाणा में बीपीएल की सीमा 1.80 लाख है। इससे बीपीएल परिवार की महिलाएं भी योजना से वंचित हो जाएंगी। अनावश्यक शर्तें – हर महीने मोबाइल ऐप पर जाकर फेस रिकॉग्निशन और बायोमेट्रिक के ज़रिए जीवित होने का प्रमाण देना होगा। पेंशनधारियों को बाहर – बुजुर्ग पेंशन, विधवा पेंशन, विकलांग पेंशन लेने वाली महिलाओं को इसका लाभ नहीं मिलेगा। लाभ की देरी – योजना का पैसा 1 नवंबर से नहीं, बल्कि आईडी बनने के एक महीने बाद से मिलेगा। सीमित दायरा – हरियाणा की 1.4 करोड़ महिलाओं में से मुश्किल से 10–12% महिलाओं को ही लाभ मिलेगा। सुधा भारद्वाज ने कहा: “यह योजना महिलाओं को सशक्त बनाने के बजाय उन्हें कागज़ों और शर्तों की बेड़ियों में जकड़ने का प्रयास है। भाजपा सरकार ने महिलाओं से किया वादा तोड़ा है और अब केवल चुनावी लाभ के लिए योजनाओं का ढोल पीटा जा रहा है। यह महिलाओं के अधिकारों का सीधा अपमान है।” कांग्रेस का संकल्प हरियाणा प्रदेश महिला कांग्रेस का मानना है कि महिला सशक्तिकरण का मतलब बिना शर्त सहायता और सम्मानजनक समर्थन देना है।कांग्रेस पार्टी हरियाणा की हर महिला को उसके अधिकार और सुरक्षा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।

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