ishantimes

Author name: admin

Breaking News

भाजपा सरकार की नाकामी का खामियाज़ा किसान भुगत रहे हैं: कुमारी सैलजा

दी चेतावनी- सरकार ने तुरंत ठोस कदम न उठाए तो कांग्रेस किसानों के हक की लड़ाई लड़ेगी चंडीगढ़, 04 अक्तूबर(ईशान टाइम्स)। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि हरियाणा में भाजपा सरकार की नाकामी का खामियाज़ा एक बार फिर मेहनतकश किसानों को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 12.79 लाख किसानों ने 73.48 लाख एकड़ धान का पंजीकरण कराया है, लेकिन इनमें से लगभग 30 प्रतिशत किसानों का डेटा पोर्टल पर अब तक मिलान ही नहीं हो पाया। नतीजतन, किसानों को अपनी उपज बेचने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सांसद ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने तुरंत ठोस कदम नहीं उठाए तो कांग्रेस किसानों के साथ मिलकर सड़कों पर उतरेगी और उनके हक की लड़ाई लड़ेगी। मीडिया को जारी बयान में सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि बारिश से भीगा हुआ धान मंडियों में पड़ा सड़ रहा है और उसकी बोली तक नहीं लग रही। किसानों को जबरन अतिरिक्त कटौती झेलनी पड़ रही है। नाम के सत्यापन के नाम पर उनसे 150 से 250 रुपये तक काटे जा रहे हैं और तभी खरीद हो रही है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति किसानों के साथ सरासर अन्याय है और भाजपा सरकार की लापरवाही व अव्यवस्थित खरीद प्रणाली का जीता-जागता प्रमाण है। सांसद ने कहा कि किसान खेतों में खून-पसीना बहाकर अन्न पैदा करते हैं, लेकिन उनकी मेहनत का उचित मूल्य नहीं मिल रहा। लाखों टन धान मंडियों में खराब हो रहा है और सरकार केवल पोर्टल और कागजी कार्यवाही तक सीमित रह गई है। सरकार की संवेदनहीनता के कारण आज किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। सांसद कुमारी सैलजा ने मांग की कि मंडियों में तुरंत प्रभाव से गीले धान की खरीद सुनिश्चित की जाए, किसानों को अवैध कटौती से राहत दी जाए और पंजीकृत किसानों की खरीद में आ रही पोर्टल की तकनीकी खामियों को दूर किया जाए। साथ ही मंडियों में धान की सुरक्षा और भंडारण की ठोस व्यवस्था की जाए। हरियाणा में धान उत्पादक किसानों को कई समस्याओं और मुद्दों का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें फसल का उचित मूल्य न मिलना, सरकारी खरीद में देरी, डिजिटल तराजू और गेट पास जैसी सुविधाओं का अभाव, और प्राकृतिक आपदाओं के कारण होने वाला फसल नुकसान शामिल है। किसानों द्वारा इन समस्याओं को लेकर विरोध प्रदर्शन भी किए जा रहे है और अधिकारी तथा सरकार से त्वरित समाधान की मांग कर रहे है है पर उसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। किसानों की मांगें स्पष्ट और जायज़ हैं कि उन्हें उनकी फसल का सही दाम और सही वजन मिलना चाहिए। सांसद ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने तुरंत ठोस कदम नहीं उठाए तो कांग्रेस किसानों के साथ मिलकर सडक़ों पर उतरेगी और उनके हक़ की लड़ाई लड़ेगी। फोटो कुमारी सैलजा

Breaking News

मुंबई का “वड़ा पाव” प्रवासी मजदूरों की “महाराजा थाली” है

मुंबई एक ऐसा शहर जो सपनों का पीछा करने वालों का घर है। यहाँ की सड़कों पर भागमभाग, ट्रेनों की रफ्तार और लोगों की जिंदगी का रंग हर कोने में बिखरा हुआ है। इस शहर की आत्मा में बस्ता है उसका वड़ा पाव, जो न सिर्फ़ एक नाश्ता है, बल्कि मुंबई की संस्कृति और प्रवासी श्रमिकों की जिंदगी का एक अनमोल हिस्सा है। लेकिन समय बदल रहा है, और इसके साथ ही मुंबई की गलियों में स्वाद का स्वरूप भी बदलता नजर आ रहा है। मुंबई की सड़कों पर चलते हुए अगर आपको भूख लगे, तो वड़ा पाव से बेहतर और सस्ता विकल्प शायद ही मिले। यह मसालेदार आलू का वड़ा, जिसे नरम पाव में लपेटकर लाल चटनी और हरी मिर्च के साथ परोसा जाता है, हर प्रवासी श्रमिक की थाली का हिस्सा रहा है। चाहे वह दिहाड़ी मजदूर हो,रिक्शावाला हो, या फिर ऑफिस जाने वाला कर्मचारी, वड़ा पाव ने सबके पेट और दिल को जीता है। जयराम वालनकर, जिन्हें लोग प्यार से “वड़ा पाव वाले मामा” कहते हैं, पिछले 25 सालों से मुंबई में वड़ा पाव बेच रहे हैं। वह बताते हैं सुबह-शाम मजदूर भाई लोग 10-15 रुपये में पेट भर लेते थे। वड़ा पाव उनका भोजन था, उनका साथी था। लेकिन अब समय बदल रहा है। जयराम मामा की बातों में एक सच्चाई छिपी है। आज की युवा पीढ़ी और नई जनरेशन के प्रवासी श्रमिकों की पसंद बदल रही है। मुंबई की गलियों में अब वड़ा पाव के साथ-साथ पिज्जा, बर्गर और चायनीज खाने की खुशबू भी तैरने लगी है। मॉल्स, फूड कोर्ट्स और फास्ट-फूड चेन्स ने युवाओं को अपनी ओर खींच लिया है। जयराम मामा कहते हैं, “अब लोग वड़ा पाव के साथ-साथ नूडल्स, मंचूरियन और पिज्जा माँगते हैं। मेरे कुछ ग्राहक तो कहते हैं, ‘मामा, कुछ नया लाओ! यह बदलाव सिर्फ़ स्वाद का नहीं, बल्कि जीवनशैली का एक हिसा भी है। पहले जहाँ प्रवासी श्रमिक अपनी मेहनत की कमाई से सस्ता और पेट भरने वाला खाना ढूँढते थे, वहीं अब नई पीढ़ी के श्रमिक, जो स्मार्टफोन और सोशल मीडिया के साथ बड़े हुए हैं, वैश्विक स्वाद का अनुभव चाहते हैं। पिज्जा और बर्गर उनके लिए सिर्फ़ खाना नहीं, बल्कि एक स्टेटस और आधुनिकता का प्रतीक बन गया है। हालाँकि, इस बदलते स्वाद का असर प्रवासी श्रमिकों की जेब पर भी पड़ रहा है। वड़ा पाव, जो 10-15 रुपये में मिल जाता है, अब भी उनके लिए सबसे किफायती विकल्प है। वहीं, एक पिज्जा या बर्गर की कीमत 100 रुपये से शुरू होती है, जो कई श्रमिकों के लिए रोज़मर्रा का खर्च नहीं हो सकता। जयराम मामा कहते हैं, “कई मजदूर भाई मेरे पास आते हैं और कहते हैं, ‘मामा, वड़ा पाव ही दे दो, बाकी चीज़ें तो सपना हैं। इसके बावजूद, कुछ युवा प्रवासी श्रमिक, जो बेहतर आय और नौकरियों के साथ शहर में आए हैं, फास्ट फूड को अपनाने लगे हैं। यह उनके लिए सिर्फ़ खाना नहीं, बल्कि मुंबई की चकाचौंध भरी ज़िंदगी का हिस्सा बनने का एक तरीका है। हमनें पूछा क्या वड़ा पाव अपनी जगह खो रहा है? जयराम मामा मुस्कुराते हुए कहते हैं, “नहीं, वड़ा पाव तो मुंबई की जान है। लोग पिज्जा खाएँ, बर्गर खाएँ, लेकिन जब पेट और जेब दोनों को संतुष्ट करना हो, तो वड़ा पाव ही याद आता है।” वह यह भी मानते हैं कि बदलते समय के साथ उन्हें भी कुछ नया करना होगा। अब वह अपनी गुमटी में वड़ा पाव के साथ-साथ चायनीज वड़ा और पाव-भाजी जैसे नए व्यंजन भी शामिल करने की सोच रहे हैं।मुंबई का वड़ा पाव सिर्फ़ एक खाना नहीं, बल्कि इस शहर की विविधता, मेहनत और सपनों का प्रतीक है। यह प्रवासी श्रमिकों की थाली का आधार रहा है और रहेगा। लेकिन बदलते समय और नई पीढ़ी की पसंद ने यह दिखा दिया है कि मुंबई की गलियाँ अब सिर्फ़ वड़ा पाव की खुशबू से नहीं, बल्कि पिज्जा, बर्गर और चायनीज के स्वाद से भी महक रही हैं। जयराम मामा जैसे लोग इस बदलाव को अपनाने को तैयार हैं, लेकिन उनका मानना है कि वड़ा पाव का स्थान कोई नहीं ले सकता। आखिर, यह मुंबई की धड़कन है, जो हर प्रवासी के दिल में बसती है।

Breaking News

वन औषधीय पौधारोपण कार्यक्रम किया आरोग्यभारती चंडीगढ़ ने

BREAKING NEWS चंडीगढ़ (ईशान टाइम्स )।आरोग्य भारती चंडीगढ़ महानगर द्वारा वन औषधि वाटिका पौधारोपण का कार्यक्रम आयोजित किया किया गया, कार्यक्रम का उद्देश्य आमजन समाज में वन औषधि पौधों ,वृक्षों का प्रचार प्रसार व इनके अध्यात्मिक धार्मिक व वैज्ञानिक गुणों को हर भारतीय के घर तक पहुंचा जाये। आज लोग इन्हें खर पतवार समझकर काट रहे है, प्राचीन समय से औषधीय विज्ञान भारतीय संस्कृति की धरोहर रही है ।इसलिए आरोग्य भारती पूरे भारत वर्ष में इस धरोहर को संजोय रखने के लिए प्रयासरत है। हर्बल पौधों में तुलसी, इल्लाची, ब्रह्मी, लैमन ग्रास,अश्वगंधा, शतावरी व लाजवंती और पीपल,नीम व वरगद की त्रिवेणी लगाई। कार्यक्रम में आरोग्य भारती के राजस्थान एवं उत्तर क्षेत्र संयोजक, राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य व आरोग्य मित्र योजना के अखिल भारतीय प्रमुख संजीवन कुमार विशेष रूप से उपस्थित रहे । चंडीगढ़ म्युनिस्पल कॉरपोरेशन के कमिश्नर अमित कुमार मुख्यातिथि के रूप में उपस्थित रहे । प्रितपाल सिंह एक्सियन आरोग्य भारती चंडीगढ़ महानगर के अध्यक्ष डॉक्टर संतोष कुमार व सचिव प्रोफेसर शिवानी शर्मा व उपाध्यक्ष अधिवक्ता करमजीत चौधरी , पूर्व वाइस चांसलर प्रोफेसर सुशील कुमार तौमर, प्रोफेसर श्री मति अनुपम बाहरी संयोजिका पंजाब विश्वविद्यालय, सुरिंदर पाल चौहान चंडीगढ़ व हरियाणा प्रांत प्रचार प्रसार व सम्पर्क प्रमुख, कार्यालय प्रमुख जगत राम , अमित दीवान संयोजक पीजीआईएमईआर चण्डीगढ़ कार्यक्रम में उपस्थित रहे।

Breaking News

नकली एवं मिलावटी खाद्य पदार्थ बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी : आरती सिंह राव

दूध से बने उत्पाद बेचने वालों की जांच करने के दिए निर्देश चंडीगढ़, 4 अक्तूबर(संजय राय) – हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री श्रीमती आरती सिंह राव ने स्पष्ट कहा है कि त्योहारी सीजन में आमजन को शुद्ध एवं सुरक्षित खाद्य सामग्री उपलब्ध कराना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं कि नकली एवं मिलावटी खाद्य पदार्थ बेचने वालों के खिलाफ किसी भी प्रकार की ढिलाई न बरती जाए और दोषी पाए जाने पर उनके विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि त्योहारों के अवसर पर दूध, दूध से बने उत्पादों तथा मिठाइयों की मांग में अचानक वृद्धि हो जाती है। ऐसे में कुछ असामाजिक तत्व एवं व्यापारी मिलावटखोरी करने से भी बाज नहीं आते, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा उत्पन्न हो सकता है। इस पर अंकुश लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के सभी अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में औचक निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि विशेष रूप से मिठाई की दुकानों, डेयरियों, पैक्ड मिल्क प्रोडक्ट्स बनाने वाली फैक्ट्रियों एवं अन्य खाद्य प्रतिष्ठानों पर नजर रखी जाएगी। अधिकारियों को आदेश दिए गए हैं कि वे नियमित अंतराल पर जांच करें, संदिग्ध खाद्य सामग्री के नमूने भरें और रिपोर्ट आने पर दोषी पाए जाने वाले विक्रेताओं को किसी भी कीमत पर बख्शा न जाए।स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि आमजन का स्वास्थ्य और सुरक्षा राज्य सरकार की जिम्मेदारी है और इसमें किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने लोगों से भी अपील की कि यदि कहीं मिलावटी खाद्य पदार्थ की बिक्री होती दिखाई दे तो तुरंत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को सूचना दें। इस अवसर पर खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के आयुक्त ने जानकारी दी कि विभाग द्वारा वर्ष 2025 में अब तक व्यापक स्तर पर निरीक्षण किए गए हैं। उन्होंने बताया कि 1 जनवरी 2025 से 31 अगस्त 2025 तक कुल 1289 नमूने लिए गए, जिनमें से 987 नमूने सही पाए गए जबकि 302 नमूने फेल पाए गए। इन फेल नमूनों पर संबंधित दुकानदारों एवं विक्रेताओं के विरुद्ध नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जा रही है। आयुक्त ने यह भी कहा कि नियमित रूप से चलाए जा रहे इस अभियान के चलते प्रदेश में मिलावटी खाद्य पदार्थ बेचने वालों पर कड़ा शिकंजा कसा जा रहा है। विभाग ने चेतावनी दी है कि किसी भी दुकानदार या खाद्य व्यवसायी को स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।

Breaking News, General

पारदर्शिता व जनभागीदारी की दिशा में हरियाणा सरकार का बड़ा कदम, मुख्यमंत्री ने लॉन्च किया ‘म्हारी सड़क मोबाइल एप’

डिजिटल एप से नागरिक सीधे सरकार तक पहुँचा सकेंगे सड़क से संबंधित समस्याएं ‘म्हारी सड़क ऐप’में जी.आई.एस आधारित डिजिटल मैपिंग से सड़क की स्थिति पर होगी सीधी नजर पंचकूला, 4 अक्टूबर (संजय राय)– हरियाणा में ढांचागत विकास को नई गति देने के लिए पारदर्शिता व जनभागीदारी की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने आज म्हारी सड़क मोबाइल एप्लीकेशन का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह ऐप नागरिक और सरकार के बीच सेतु का काम करेगा। सरकार का लक्ष्य प्रदेश में बेहतर सड़कों का जाल बिछाकर ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों को मजबूत आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना है। सड़कें विकास का मार्ग प्रशस्त करती हैं और इस दिशा में हरियाणा सरकार दृढ़ संकल्पित है। पंचकूला में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह ऐप नागरिकों को सड़कों की स्थिति की जानकारी सीधे सरकार तक पहुंचाने का माध्यम है। इस ऐप के माध्यम से नागरिक सड़कों पर गड्ढे, टूटी सड़क या सड़क पर जलभराव की समस्या की लोकेशन के साथ शिकायत दर्ज कर सकेंगे। संबंधित विभाग को तत्काल सूचना मिलते ही सड़क के सुदृढ़ीकरण का कार्य किया जाएगा। इस ऐप के माध्यम से शिकायत की टाइम बाउंड मॉनिटरिंग होगी। म्हारी सड़क ऐप में जी.आई.एस आधारित डिजिटल मैपिंग से सड़क की स्थिति पर होगी सीधी नजर उन्होंने कहा कि हरियाणा के आधारभूत ढांचे को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए सरकार लगातार कार्य कर रही है और पारदर्शिता, जवाबदेही एवं जनभागीदारी को अपनी प्राथमिकता बना रही है। उन्होंने कहा कि हमने एक नया हरियाणा बनाने का संकल्प लिया है, एक ऐसा हरियाणा जहां हर नागरिक को बेहतर जीवन मिले, जहां विकास की गति कभी न थमे और विकास की गति के लिए सबसे पहली जरूरत है अच्छी सड़कें। सड़कें किसी भी राज्य की जीवन रेखा होती हैं। ये न सिर्फ लोगों को जोड़ती हैं, बल्कि अर्थव्यवस्था को भी गति देती हैं। उन्होंने कहा कि म्हारी सड़क ऐप में जी.आई.एस-आधारित तकनीक का उपयोग किया गया है, जिससे राज्य की सभी सड़कों का डिजिटल मानचित्रण संभव हुआ है। इससे नागरिकों को सड़कों की स्थिति की जानकारी आसानी से मिल सकेगी। प्रादेशिक सड़क उत्थान परियोजना बनेगी विकसित हरियाणा का आधारस्तंभ नायब सिंह सैनी ने कहा कि गत 21 सितम्बर को हिसार में ‘प्रादेशिक सड़क उत्थान परियोजना’ का शुभारंभ किया था। यह परियोजना आने वाले वर्षों में ‘विकसित भारत-विकसित हरियाणा’ के निर्माण में मील का पत्थर साबित होगी। इस परियोजना के तहत चालू वित्त वर्ष में 4,827 करोड़ रुपये की लागत से 9,410 किलोमीटर लंबी 4,227 सड़कों की मरम्मत एवं उत्थान का काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मानना है कि ‘यदि देश को गति देनी है, तो सड़कों को मजबूती देनी होगी। सड़कें सिर्फ यात्रा का साधन नहीं होतीं, बल्कि यह अर्थव्यवस्था की धमनियां होती हैं।’ इसी सोच के तहत, पिछले 11 वर्षों में प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में भारत ने सड़क अवसंरचना में अभूतपूर्व क्रांति देखी है। आज, देशभर में डिफेंस कॉरिडोर से लेकर फ्रेट कॉरिडोर तक, भारतमाला से सागरमाला तक, रोडवेज, रेलवेज और एयरवेज कनेक्टिविटी का जाल पूरे देश में मिशन मोड पर काम कर रहे हैं। साथ ही, पी.एम. गतिशक्ति के माध्यम से आधारभूत परियोजनाओं को बेहतर बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रदेश में पिछले 11 वर्षों में 28,651 करोड़ रुपये की लागत से 43,703 किलोमीटर लंबी सड़कों का सुधार किया है। इसके साथ ही, 2,534 करोड़ रुपये की लागत से 2,417 किलोमीटर लंबी नई सड़कों का निर्माण भी किया है। इनके अलावा, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत प्रदेश में 1, 077 करोड़ रुपये की लागत से 2,432 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण किया जा चुका है। हरियाणा में 21 नये राष्ट्रीय राजमार्ग स्वीकृत किए हैं। इनमें से 12 राजमार्ग बन चुके हैं। प्रदेश में पिछले 11 वर्षों में 28,582 करोड़ रुपये की लागत से 1,719 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया गया है। जबकि, 2014 से पहले की सरकार के 10 साल के शासनकाल में 1,713 करोड़ रुपये की लागत से 451 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग बनाए गए। इतना ही नहीं, यातायात को सुगम बनाने के लिए 27 टोल टैक्स बैरियर हटाने का काम किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नागरिक टेक्नोलॉजी से जुड़े, उनकी भागीदारी इस ऐप को सफल बनाने में सबसे बड़ी भूमिका निभाएगी। हर स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी में इसके लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ‘हरियाणा ए.आई. मिशन’ के तहत ई-गवर्नेस को बढ़ावा दे रही है। इस मिशन के तहत गुरुग्राम और पंचकूला में ए.आई. हब स्थापित किए जाएंगे, जहां 50 हजार से अधिक युवाओं को उन्नत तकनीकों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस डिजिटल पहल से न केवल सड़कें बेहतर होंगी, बल्कि जनता और प्रशासन के बीच पारदर्शिता और विश्वास भी मजबूत होगा – लोक निर्माण मंत्री रणबीर गंगवा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लोक निर्माण (भवन एवं सड़कें) मंत्री रणबीर गंगवा ने कहा कि किसी भी प्रदेश के विकास का आंकलन उसकी सड़कों की स्थिति से लगाया जा सकता है और हरियाणा लगातार अपने सड़क तंत्र को मजबूत कर रहा है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में लोक निर्माण (भवन एवं सड़कें) विभाग प्रदेश में सड़कों की रिपेयर, नवनिर्माण, सुदृढ़ीकरण और पैच-वर्क के कार्य को युद्ध स्तर पर कररहा है। उन्होंने कहा कि गत दिनों ही मुख्यमंत्री द्वारा प्रादेशिक सड़क उत्थान परियोजना का शुभारंभ किया गया। ये परियोजना विकसित हरियाणा के निर्माण में मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा कि सड़कें केवल यातायात का साधन नहीं हैं, बल्कि यह गांवों और शहरों को जोड़ने के साथ-साथ राज्य के समग्र विकास की धुरी भी हैं। रणबीर गंगवा ने कहा कि नागरिक फोटो के साथ सड़क संबंधित शिकायतें इस एप पर अपलोड कर सकते हैं। इस डिजिटल सिस्टम में जेई से लेकर विभागाध्यक्ष तक सभी अधिकारियों की जिम्मेदारी और जवाबदेही तय की गई है। शिकायत प्राप्त होने के बाद निर्धारित समय में संबंधित अधिकारी सड़क सुधार कार्य पूरा करने के बाद की फोटो भी एप पर अपलोड करेंगे और शिकायतकर्ता को सूचित किया जाएगा। इस पहल से न केवल सड़कें बेहतर होंगी, बल्कि जनता और प्रशासन के बीच पारदर्शिता और विश्वास भी मजबूत होगा। इस अवसर पर

Breaking News, General, Political Leadership

पीओके की पुकार: दमन के खिलाफ इंसाफ़ का आह्वान

संजय राय, पाकिस्तान की स्थापना धर्म-आधारित विचारधारा पर हुई थी, पर उसके छह दशकों से अधिक के राजनीतिक सफर ने यह भी दिखाया है कि केवल विचार से पक्की रजवाड़ीय स्थिरता कायम नहीं रहती। बांग्लादेश का विभाजन, अफगानिस्तान से जुड़ी जटिलताएँ और सीमाओं के भीतर उठते विद्रोह—इन सबने पाकिस्तान की अस्थिरता की तस्वीर उकेरी है। इसी अस्थिरता के बीच पाकिस्तान-नियंत्रित कश्मीर, यानी पीओके, लंबे समय से दबे और उदासीन स्थानीय संकट का केंद्र बना हुआ है। हाल के दिनों में पीओके में जो विरोध-प्रदर्शन उभरे हैं—बिजली और आधारभूत सेवाओं की कमी, महंगे बिल, इंटरनेट कटौती और व्यापक आर्थिक उपेक्षा के खिलाफ—उनका मंसूबा नागरिक शिकायतों को आवाज़ देना था। परन्तु जब सुरक्षा बलों का दमन और गोलियों की आवाज़ें सुनाई दें, जब गिरफ्तारी और अज्ञात विलुप्तियों की रिपोर्टें सामने आएँ, तो यह स्थानीय समस्या अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार जाँच का विषय बन जाती है। जिनेवा में यूनाइटेड कश्मीर पीपुल नेशनल पार्टी द्वारा उठाए गए आरोप —हिंसा, प्रवर्तन एजेंसियों की बर्बरता, और लोगों के अधिकारों का हनन—इन सब पर विश्व समुदाय का ध्यान खींचना आवश्यक है। पीओके के लोग बार-बार यही मांग करते आए हैं कि उनके लिए बुनियादी सुविधाएँ और न्याय सुनिश्चित किया जाए। जब देश की नागरिकता का अर्थ केवल शासन-व्यवस्था तक सीमित रह जाए और लोगों की ज़रूरतों, आवाज़ों और आज़ादी का ध्यान न रखा जाए, तो विद्रोह और असंतोष पनपना स्वाभाविक है। स्थानीय नेताओं और नागरिक संगठनों के अनुसार 29 सितंबर से चले प्रदर्शनों में दर्ज होने वाली मौतें और गिरफ्तारी की खबरें एक चिंता-जाग्रत स्थिति का संकेत हैं — हर जीवन की कीमत अनमोल है और कोई भी शक्ति इसे मामूली नहीं कर सकती। यह समय भावनाओं के बहाव में आकर नारे लगाने का नहीं, बल्कि संयम और ठोस कूटनीतिक और मानवीय जवाब तलाशने का है। भारत के लिए पीओके का मुद्दा संवेदनशील है — ऐतिहासिक, मानवीय और राजनीतिक कारणों से। पर किसी भी कार्रवाई का स्वरूप और उद्देश्य स्पष्ट, कानूनी और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होना चाहिए। हिंसा का हर रूप—चाहे वह राज्य-हिंसा हो या सशस्त्र विद्रोह—नागरिकों के जीवन और अधिकारों पर प्रतिकूल असर डालता है। इसलिए भारत, जैसे किसी भी क्षेत्रीय शक्ति के, सर्वप्रथम कूटनीतिक मोर्चे पर आवाज उठानी चाहिए: संयुक्त राष्ट्र, मानवाधिकार मंच और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समक्ष पीओके में हो रहे मानवाधिकार उल्लंघनों का तथ्यात्मक ब्यौरा पेश करना चाहिए और त्वरित मानवतावादी पहुँच की माँग करनी चाहिए। इसके साथ ही भारत को आवश्यक है कि वह अपनी नीतियों को ठोस तर्क और सहानुभूति के साथ पेश करे — केवल विरोध प्रदर्शन दिखाने या आक्रामक बयानबाज़ी से इस मुद्दे का समाधान असंभव है। बांग्लादेश के विभाजन से मिली सबक ने यह सिखाया है कि जटिल कूटनीति, अन्तरराष्ट्रीय समर्थन और स्थानीय जनभावनाओं का संयोजन ही ठोस और दीर्घकालिक समाधान देता है। पीओके के लोग अगर भारत के साथ समावेशन की मंशा रखते हैं, तो उनकी आवाज़ों को सुने जाने, उनकी सुरक्षा के लिए ठोस अंतरराष्ट्रीय कवायद और उनके मानवीय संकट के त्वरित समाधान की व्यवस्था की जानी चाहिए। हमें यह भी याद रखना चाहिए कि सीमा-विवादों और क्षेत्रीय दावों के बीच सबसे अधिक प्रभावित वही लोग होते हैं जो रोज़मर्रा की जिंदगी जीते हैं—किसान, दुकानदार, छात्र, परिवार। इसलिए समाधान का केंद्र भी नागरिक की गरिमा, अधिकारों की रक्षा और विकास-अवसर सुनिश्चित करना होना चाहिए। पाकिस्तान के भीतर लोकतांत्रिक दबाव, अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थाओं की निष्पक्ष जाँच और स्थानीय मामलों में पारदर्शिता—ये सभी पीओके के हालात बदलने में सहायक हो सकते हैं। अंततः, पीओके की पुकार सिर्फ़ भौगोलिक पुनरावेदन की माँग नहीं है—यह मानवाधिकार, न्याय और गरिमा की माँग है। जो भी बाहरी हित हो, उससे ऊपर उठकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय, क्षेत्रीय शक्तियाँ और स्थानीय नेता इस बात पर सहमत हों कि पीओके के लोग हिंसा और उपेक्षा के चक्र से मुक्त हों। भारत के लिए यह अवसर है कि वह मानवतावादी दृष्टिकोण से इस संकट को रेखांकित करे, और संयुक्त रूप से ऐसे कदम उठाये जाएँ जो पीओके में स्थायी शांति, न्याय और समावेशी विकास की राह खोलें।

Breaking News, General, Politics

17 अक्टूबर को सरकार के एक वर्ष पूरे होने पर सोनीपत में आयोजित होने वाले विशेष कार्यक्रम में शामिल होंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रदेशवासियों को करोड़ों रुपये की विकास परियोजनाओं की सौगात देंगे प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आयोजित हुई कैबिनेट की अनौपचारिक बैठक हरियाणा सरकार की एक वर्ष की उपलब्धियों और विकास कार्यों पर हुई विस्तृत चर्चा चंडीगढ़, 4 अक्टूबर(संजय राय),हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज राज्य कैबिनेट की अनौपचारिक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में प्रदेश सरकार की एक वर्ष की उपलब्धियों, विकास कार्यों, और विभिन्न प्रशासनिक मुद्दों पर विस्तारपूर्वक विचार-विमर्श किया गया। यह बैठक सेवा पखवाड़े के सफल समापन के उपरांत आयोजित हुई, जिसमें कैबिनेट सदस्यों ने न केवल प्रदेश की प्रगति का मूल्यांकन किया बल्कि आगामी योजनाओं और विकास परियोजनाओं के क्रियान्वयन पर भी चर्चा की। बैठक में हरियाणा सरकार के गठन के एक वर्ष पूरे होने के अवसर पर 17 अक्टूबर को सोनीपत में आयोजित होने वाले राज्यस्तरीय कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन को लेकर विशेष चर्चा हुई। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोनीपत में आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे और इस अवसर पर प्रदेशवासियों को करोड़ों रुपये की विकास परियोजनाओं की सौगात प्रदान करेंगे। यह कार्यक्रम वर्तमान सरकार की उपलब्धियों और विकास पहलों सहित जनता के समर्थन को प्रदर्शित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर होगा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि गत वर्ष अक्टूबर में हरियाणा की जनता ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार को लगातार तीसरी बार मजबूत जनादेश से चुना था। अब जब सरकार का एक वर्ष पूरा हो रहा है, इस उपलब्धि को विशेष रूप से मनाने के लिए सोनीपत में 17 अक्टूबर को आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि होंगे। इस दौरान प्रधानमंत्री द्वारा प्रदेश की जनता के लिए विकास की नई योजनाओं और परियोजनाओं की सौगात दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हरियाणा प्रदेश के प्रति विशेष लगाव रहा है। पिछले एक वर्ष में उन्होंने प्रदेश में दो बार आकर विकास कार्यों को नई दिशा दी है। 8 दिसंबर 2024 को पानीपत में उन्होंने “बीमा सखी योजना” का शुभारंभ किया, वहीं 14 अप्रैल 2025 को बाबा भीमराव अंबेडकर जयंती के अवसर पर हिसार से हरियाणा के पहले महाराजा अग्रसेन एयरपोर्ट से अयोध्या के लिए पहली फ्लाइट रवाना की। उसी दिन यमुनानगर में 7 हजार करोड़ रुपये की लागत से बन रही 800 मेगावाट की थर्मल प्लांट की नई इकाई का शिलान्यास भी किया गया। इन परियोजनाओं ने प्रदेश के विकास को नई गति प्रदान की। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब एक बार फिर प्रधानमंत्री के आगमन से हरियाणा में चल रहे नॉनस्टॉप विकास कार्यों को और तेजी मिलेगी। बैठक में कैबिनेट मंत्री अनिल विज, कृष्णलाल पंवार, डॉ अरविंद शर्मा, श्याम सिंह राणा, रणबीर गंगवा, कृष्ण बेदी और कुमारी आरती सिंह राव सहित अन्य मंत्रिगण भी उपस्थित रहे।

Breaking News

मोदी सरकार की नीतियों के कारण ही देश के 8 करोड़ किसान डेयरी सेक्टर से जुड़ गए हैं:अमित शाह

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज हरियाणा के रोहतक में साबर डेयरी प्लांट का लोकार्पण किया प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में सहकारिता की मजबूत नींव रखी जा रही है, वर्ष 2029 से पहले देश की हर पंचायत में एक सहकारिता समिति बनेगी साबर डेयरी ने हरियाणा के दूध उत्पादक किसानों के कल्याण के लिए 350 करोड़ रुपए की लागत से देश का सबसे बड़ा दही, दूध और मिठाई बनाने का प्लांट लगाया प्रतिदिन 150 मीट्रिक टन दही, 10 मीट्रिक टन योगर्ट, 3 लाख लीटर छाछ और 10 हज़ार किलो मिठाई बनाने वाली साबर प्लांट डेयरी किसानों की समृद्धि का प्रतीक बनेगा मोदी जी के नेतृत्व में 70 फीसद की गति से देश का डेयरी सेक्टर दुनिया में सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाला सेक्टर बना है आज देश की दुग्ध प्रसंस्करण की क्षमता 660 लाख लीटर प्रतिदिन है, जिसे 2028-29 में 1 हजार लाख लीटर प्रतिदिन तक पहुँचाना है मोदी सरकार डेयरी संयंत्र निर्माण और उससे जुड़े रिसर्च व डेवलपमेंट के सेक्टर में तीन गुना तेजी लाकर डेयरी सेक्टर में आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ रही है रोहतक , 3 अक्टूबर(संजय राय, ईशान टाइम्स)। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज हरियाणा के रोहतक में साबर डेयरी प्लांट का लोकार्पण किया। इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी, केन्द्रीय सहकारिता राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर और केन्द्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। इस अवसर पर अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश के किसानों की दशकों पुरानी अलग सहकारिता मंत्रालय के गठन की मांग को पूरा करने का काम किया है और इसके लिए पूरे देश की ओर से उनका आभार है। उन्होंने कहा कि पिछले 4 सालों में देश की सभी राज्य सरकारों को साथ लेकर सहकारिता मंत्रालय ने सहकारिता की नींव को गहरा करने का काम किया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि वर्ष 2029 से पहले देश की एक भी पंचायत ऐसी नहीं रहेगी, जहां एक भी सहकारिता समिति न हो।अमित शाह ने कहा कि आज साबर डेयरी के माध्यम से दूध उत्पादकों के कल्याण के लिए लगभग 350 करोड़ रुपए की लागत से पूरे देश का सबसे बड़ा दही, छाछ और योगर्ट बनाने के प्लांट का काम पूरा हो गया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा से ही पूरे दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (Delhi-NCR) की दुग्ध उत्पादों की जरूरत पूरी होगी। साबर डेयरी ने गुजरात के साबरकांठा जिले से शुरूआत कर 9 राज्यों के दुग्ध उत्पादकों के लिए बहुत बड़े मौके का सृजन किया है। श्री शाह ने कहा कि गुजरात में त्रिभुवन भाई, भूरा भाई और गलबा भाई ने डेयरियों की नींव रखी और आज कोऑपरेटिव डेयरी के माध्यम से गुजरात की 35 लाख बहनें सालाना 85 हज़ार करोड़ रुपए का व्यापार कर रही हैं।केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि साबर प्लांट में प्रतिदिन 150 मीट्रिक टन दही, 10 मीट्रिक टन योगर्ट, 3 लाख लीटर छाछ और प्रतिदिन 10 हज़ार किलो मिठाई बनेंगे औऱ इससे किसानों की समृद्धि का रास्ता खुलेगा। उन्होने कहा कि आज हमारी साबर डेयरी राजस्थान, हरियाणा, महाराष्ट्र, पंजाब, उत्तर प्रदेश और बिहार के किसानों की सेवा कर रही है। अमूल के नेतृत्व में गुजरात में आधुनिक प्रजनन तकनीकों – भ्रूण स्थानांतरण औऱ लिंग निर्धारण – पर काफी वैज्ञानिक काम हुआ है। ये दोनों तकनीकें हरियाणा के पशुपालकों को भी उपलब्ध होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके साथ-साथ मधुमक्खी पालन औऱ जैविक खेती को भी राज्य में बढ़ावा देने की ज़रूरत है। गुजरात में गोबर गैस के लिए कई अच्छे प्रयोग हुए हैं और हरियाणा में भी इन प्रयोगों को लागू करने की जरूरत है। केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत का डेयरी सेक्टर पिछले 11 साल में 70 प्रतिशत की क्षमता से बढ़ा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में भारत का डेयरी सेक्टर विश्व में सबसे तेज़ी से बढ़ने वाला डेयरी सेक्टर बना है। उन्होंने कहा कि 2014-15 में भारत में दूध देने वाले पशुओं की संख्या 86 मिलियन थी जो अब बढ़कर 112 मिलियन हो गई है। इसी प्रकार, दुग्ध उत्पादन 146 मिलियन टन से बढ़कर 239 मिलियन टन हो गया है। उन्होंने कहा कि देसी नस्ल की गाय के दूध का उत्पादन 29 मिलियन टन से बढ़कर 50 मिलियन टन तक पहुंच गया है। अमित शाह ने कहा कि आज भारत के लगभग 8 करोड़ किसान डेयरी क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि भारत में दूध की प्रति व्यक्ति उपलब्धता को 124 ग्राम से बढ़ाकर 471 ग्राम करने का काम हमारे देश के किसानों ने किया है। उन्होंने कहा कि पिछले 11 साल में भारत के डेयरी सेक्टर में कई बदलाव हुए हैं और इसके कारण हमारे किसान समृद्ध हुए हैं।केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि श्वेत क्रांति 2.0 के तहत आने वाले दिनों में देशभर में 75 हज़ार से अधिक डेयरी समितियों की स्थापना होगी और सरकार 46 हज़ार डेयरी कोऑपरेटिव समितियों को मज़बूत भी करेगी। सहकारिता मंत्री शाह ने कहा कि हमारा वर्तमान दुग्ध प्रोक्योरमेंट 660 लाख लीटर प्रतिदिन है और वर्ष 2028-29 तक इसे बढ़ाकर 1 हज़ार लाख मीट्रिक टन तक करने का हमारा लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि यह लक्ष्य हासिल करने पर सारा मुनाफा दुग्ध उत्पादन करने वाली हमारी किसान माताओं बहनों को मिलता है। एक साल में ही लगभग 33 हज़ार कोऑपेरेटिव्स को पंजीकृत कर दिया गया है।अमित शाह ने कहा कि हाल ही में मोदी सरकार ने तीन राष्ट्रीय सहकारी समितियां बनाईं हैं – पशु आहार के उत्पादन के लिए, गोबर के प्रबंधन के लिए औऱ मृत पशुओं के अवशेषों का सर्कुलर इकोनॉमी में उपयोग करने के लिए। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने राष्ट्रीय गोकुल मिशन, राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम शुरू किया, पशुपालन इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड बनाया और राष्ट्रीय पशुरोग नियंत्रण कार्यक्रम चलाया। शाह ने कहा कि आने वाले दिनों में हम डेयरी संयंत्र के निर्माण की दृष्टि से भी आत्मनिर्भर बनना चाहते हैं और इसके लिए NDDB और बाकी सभी डेयरियां मिलतर संयंत्र निर्माण में 3 गुना कैपेसिटी एक्सपेंशन का काम करेंगे।

Breaking News, General, Politics

तीन नए कानूनों से देश की न्याय प्रणाली हुई सशक्त, आमजन को मिल रहा त्वरित न्याय – मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी

हरियाणा में तीन नए आपराधिक कानूनों का प्रभावी क्रियान्वयन, दोष सिद्धि दर पहुँची 82.6% – मुख्यमंत्री ऑनलाइन एफआईआर से लेकर ई-साक्ष्य तक, हरियाणा पुलिस बन रही देश के लिए आदर्श केंद्र सरकार के हर सुधार को तत्परता से लागू करेगा हरियाणा – मुख्यमंत्री चंडीगढ़, 3 अक्टूबर -(संजय राय) हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि तीन नए आपराधिक कानूनों के लागू होने से भारत की न्याय प्रणाली पहले से कहीं अधिक सशक्त, प्रभावी और पारदर्शी बनी है। इन कानूनों के माध्यम से आम नागरिकों को शीघ्र और सुगम न्याय प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह हरियाणा के लिए गर्व का विषय है कि राज्य ने इतने कम समय में न केवल इन कानूनों को लागू किया, बल्कि इनके लागू होने के बाद दोष सिद्धि दर को 82.6 प्रतिशत तक पहुँचाने में भी सफलता प्राप्त की है, जो कि एक बड़ी उपलब्धि है। मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी आज कुरुक्षेत्र में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह द्वारा तीन नए आपराधिक कानूनों की प्रदर्शनी के शुभारंभ अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र की पुण्य भूमि पर केंद्रीय गृहमंत्री का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि यह हरियाणा के लिए गर्व का विषय है कि गीता की जन्मस्थली कुरुक्षेत्र से तीन नए आपराधिक कानूनों की प्रदर्शनी का उद्घाटन हुआ है। यही वह भूमि है, जहाँ भगवान श्रीकृष्ण ने श्रीमद्भागवत गीता का उपदेश दिया था, जो आज भी संपूर्ण मानवता का मार्गदर्शन कर रही है। अमित शाह के नेतृत्व में ऐतिहासिक सुधार, अनुच्छेद 370 की समाप्ति से लेकर नए आपराधिक कानूनों तक, देश ने बदली दिशा – मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के नेतृत्व में देश में कई क्रांतिकारी निर्णय लिए गए हैं, जिनके माध्यम से ऐतिहासिक भूलों को सुधारा गया है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और धारा 35-A को हटाकर कश्मीर से कन्याकुमारी तक अखंड भारत के स्वप्न को साकार किया गया है। इसके अतिरिक्त, नागरिकता संशोधन अधिनियम के माध्यम से उन लाखों लोगों को नागरिकता प्रदान की गई है, जो वर्षों से अपने ही देश में शरणार्थी के रूप में जीवन यापन कर रहे थे। इसके साथ ही अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण भी संभव हुआ है। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के समय से प्रचलित तीन पुराने आपराधिक कानूनों को हटाकर देश में तीन नए आपराधिक कानून लागू करना भी एक ऐतिहासिक और दूरगामी निर्णय है, जिससे न्याय व्यवस्था सुदृढ़ हुई है। श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि हरियाणा न केवल कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने में अग्रणी राज्य है, बल्कि न्याय व्यवस्था के क्षेत्र में भी पूरे देश का मार्गदर्शन करने वाला राज्य बन चुका है। इन नए आपराधिक कानूनों को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए हरियाणा पुलिस को पूरी तरह प्रशिक्षित किया गया है। सभी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को इन नए कानूनों के प्रति पूरी तरह से जागरूक और सक्षम बनाया गया है। जांच अधिकारी अब इन कानूनों को समझते हुए उन्हें व्यवहार में लाने के लिए पूर्णतः सक्षम हैं। हरियाणा में न्यायिक सुधारों की नई इबारत, 2,145 वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कक्ष स्थापित उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश में इन कानूनों के क्रियान्वयन में आधुनिक तकनीक का प्रभावी ढंग से उपयोग किया गया है। ई-साक्ष्य और ई-समन ऐप को सफलतापूर्वक लागू किया गया है। गवाही देने की प्रक्रिया में भी तकनीक का समुचित उपयोग सुनिश्चित किया गया है। पुलिस थानों, फोरेंसिक प्रयोगशालाओं, न्यायालय कक्षों, कारागारों और बैंकों में कुल 2,145 वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कक्ष स्थापित किए गए हैं। 1 जनवरी 2025 से 31 अगस्त 2025 तक 96.71% मामलों में अपराध स्थल की फोरेंसिक जांच की रिकॉर्डिंग ई-साक्ष्य ऐप के माध्यम से की गई है। साथ ही, आपराधिक मामलों से जुड़े भौतिक साक्ष्यों की जांच, विश्लेषण एवं रिपोर्ट तैयार करने की व्यवस्था को सुदृढ़ करते हुए एफएसएल प्रयोगशालाओं को 19.54 करोड़ रुपये की लागत से आधुनिक बनाया गया है। उन्होंने बताया कि अब एफआईआर दर्ज कराने के लिए थानों के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं है। ऑनलाइन एफआईआर दर्ज कराई जा सकती है। सभी जीरो एफआईआर को 24 घंटे के भीतर नियमित एफआईआर में परिवर्तित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने विश्वास दिलाया कि केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित सुधारों को हरियाणा सरकार पूरी तत्परता से लागू करेगी। इस अवसर पर गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने तीन नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी साझा करते हुए बताया कि नए कानूनों को लागू करने से पहले राज्य स्तर पर प्रशासनिक तैयारी, अधिकारियों का प्रशिक्षण, तथा तकनीकी अवसंरचना को मजबूत करने की दिशा में कई ठोस कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि यह परिवर्तन न केवल विधि व्यवस्था को अधिक प्रभावी बनाएगा बल्कि आम नागरिकों का न्याय प्रणाली पर विश्वास भी और अधिक सुदृढ़ करेगा। इस अवसर पर ऊर्जा मंत्री अनिल विज, विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार, शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा, सहकारिता मंत्री डॉ अरविन्द शर्मा, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा, लोक निर्माण मंत्री रणबीर गंगवा, सेवा मंत्री कृष्ण बेदी, स्वास्थ्य मंत्री आरती राव, खेल राज्य मंत्री गौरव गौतम, सांसद नवीन जिंदल और कार्तिकेय शर्मा, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर सहित अनेक गणमान्य उपस्थित थे। सकती है। सभी जीरो एफआईआर को 24 घंटे के भीतर नियमित एफआईआर में परिवर्तित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने विश्वास दिलाया कि केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित सुधारों को हरियाणा सरकार पूरी तत्परता से लागू करेगी। इस अवसर पर गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने तीन नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी साझा करते हुए बताया कि नए कानूनों को लागू करने से पहले राज्य स्तर पर प्रशासनिक तैयारी, अधिकारियों का प्रशिक्षण, तथा तकनीकी अवसंरचना को मजबूत करने की दिशा में कई ठोस कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि यह परिवर्तन न केवल विधि व्यवस्था को अधिक प्रभावी बनाएगा बल्कि आम नागरिकों का न्याय प्रणाली पर विश्वास भी और अधिक सुदृढ़ करेगा। इस अवसर पर ऊर्जा मंत्री अनिल विज, विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार, शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा, सहकारिता मंत्री डॉ अरविन्द शर्मा,

Breaking News, General, Politics

केंद्र सरकार ने एक बार फिर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की कार्यशैली की करी सराहना

नायब सिंह के नेतृत्व में हरियाणा में युवाओं को योग्यता के आधार पर पारदर्शी व निष्पक्ष रूप से मिल रही सरकारी नौकरियाँ चंडीगढ़, 3 अक्टूबर(संजय राय) – केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की एक बार फिर प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में प्रदेश में युवाओं को योग्यता के आधार पर बिना खर्ची-पर्ची के पारदर्शी प्रक्रिया के तहत सरकारी नौकरियाँ प्रदान की जा रही हैं। अमित शाह ने इस पहल को एक सराहनीय कदम बताते हुए मुख्यमंत्री को प्रदेश की जनता की ओर से बधाई एवं साधुवाद दिया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की व्यवस्था प्रदेश के युवाओं में सरकारी तंत्र के प्रति विश्वास और पारदर्शिता की भावना को मजबूत कर रही है। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह आज कुरुक्षेत्र में आयोजित एक कार्यक्रम में तीन नए आपराधिक कानूनों से संबंधित प्रदर्शनी के शुभारंभ अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने राज्य सरकार की पारदर्शी भर्ती प्रणाली की विशेष रूप से प्रशंसा की।

Scroll to Top