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पंजाब सरकार में इंसानियत खत्म हो गई है :रेखा शर्मा

हरियाणा को उसके हिस्से के पीने के पानी से वंचित करने का जो प्रयास पंजाब सरकार द्वारा किया जा रहा है, वह न सिर्फ संवैधानिक व्यवस्थाओं के खिलाफ है, बल्कि यह एक पूर्वनियोजित राजनीतिक दुर्भावना का प्रतीक भी है।

आश्चर्य होता है कि जब तक दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार थी, तब तक पंजाब सरकार को वहां भेजे जाने वाले पानी से कोई समस्या नहीं थी। आज जब दिल्ली में उनकी पार्टी सत्ता में नहीं है, तो पंजाब के मुख्यमंत्री का सुर बदल गया है। क्या अब पानी भी राजनीतिक स्वार्थों की तराजू पर तौला जाएगा?

हरियाणा ने हमेशा सहयोगात्मक संघवाद की भावना के तहत कार्य किया है, लेकिन पंजाब सरकार की ये हरकतें न केवल उस भावना को ठेस पहुंचा रही हैं, बल्कि आम नागरिकों के जीवन को संकट में डाल रही हैं। अप्रैल महीने में हरियाणा को सिर्फ 4,000 क्यूसेक पानी मिल पाया है, जो हमारी आवश्यकता का मात्र 60% है। गर्मी के इस चरम समय में ये स्थिति जल संकट को न्योता देने वाली है।

BBMB की तकनीकी कमेटी द्वारा 23 अप्रैल को किए गए निर्णय को जानबूझकर टाला जाना यह दर्शाता है कि पंजाब के अधिकारी अपने राजनीतिक आकाओं के इशारे पर हरियाणा और दिल्ली की जनता को जल-संक्रमण और स्वास्थ्य संकट की ओर धकेल रहे हैं।

मैं पंजाब सरकार से पूछना चाहती हूं -:
क्या राजनीति इतनी ऊपर हो गई है कि इंसानियत और सह-अस्तित्व की मूल भावना को कुचल देना अब स्वीकार्य हो गया है?

रेखा शर्मा
सांसद, राज्य सभा (हरियाणा)

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