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। लखनऊ (इंद्र यादव ,ईशान टाइम्स )। बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि शायर मुनव्वर राना साहब की बेटी सुमैय्या राना को आज लखनऊ पुलिस द्वारा उनके घर में नजरबंद (House Arrest) कर दिया गया। यूपी सरकार के मंत्री संजय निषाद ने बीते दिनों समाज के एक वर्ग और महान विभूतियों के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक और विवादित टिप्पणी की थी। सुमैय्या राना इसी बयान के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज कराने के लिए थाने जा रही थीं, लेकिन उन्हें पुलिस ने घर से निकलने ही नहीं दिया।
क्या सत्ता में बैठे लोगों को कुछ भी बोलने की आजादी है, लेकिन आम नागरिक को कानून का दरवाजा खटखटाने का हक भी नहीं।
जब आपत्तिजनक बयान सार्वजनिक है, तो उस पर कार्रवाई करने के बजाय शिकायतकर्ता को ही रोकना किस तरह का न्याय है।
क्या अब थानों तक जाना भी प्रशासन की अनुमति पर निर्भर करेगा।
किसी की भावनाओं को आहत करना और फिर आवाज उठाने वाले को नजरबंद कर देना, स्वस्थ लोकतंत्र की पहचान नहीं है। प्रशासन को चाहिए कि वह निष्पक्षता से काम करे और कानून के दायरे में सबको अपनी बात रखने का मौका दे।
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