सुग्रीव की पुकार पर श्रीराम ने साधा धर्म का तीर
अन्याय पर धर्म की जीत, राम ने किया बाली का अंत


मोहाली, 30 सितम्बर(ईशान राय, ईशान टाइम्स)।: श्री रामलीला एवं दशहरा कमेटी फेज़-1, मोहाली द्वारा बीती रात प्रस्तुत किया गया बाली वध का प्रसंग दर्शकों के लिए अत्यंत रोमांचकारी और भावनात्मक रहा। रात्रि की शुरुवात स्पार्कलिंग इवेंट्स मास्टर्स के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री नितेश विज ने दीप प्रवज्जलित करके की। उन्होंने ने कहा की राम लीला का मंचन कोई मनोरंजन का साधन नहीं है। यह हमें मर्यादा, धर्म और दूसरे से प्रेम की शिक्षा देता है।

मंचन की शुरुआत उस समय हुई जब किष्किंधा नगरी में बाली और सुग्रीव के बीच युद्ध का दृश्य दिखाया गया। बाली के अत्याचारों और अन्याय से पीड़ित सुग्रीव ने जब श्रीराम से सहायता की गुहार लगाई तो पूरा पंडाल स्तब्ध होकर मंच की ओर निहारने लगा।
जंगल का दृश्य, युद्ध के लिए चुनौती और बाली का गर्वित स्वर—इन सबने वातावरण को और गंभीर बना दिया। जैसे ही श्रीराम ने वानरराज बाली पर तीर साधकर प्रहार किया, दर्शक भावनाओं से भर उठे। बाली का गिरना और राम से उसका अंतिम संवाद इतना जीवंत प्रस्तुत किया गया कि कई दर्शकों की आंखें नम हो गईं।
मंचन के दौरान दर्शकों ने हर दृश्य पर तालियों और जयकारों से कलाकारों का उत्साह बढ़ाया।

कमेटी के प्रधान आशु सूद ने कहा कि यह प्रसंग हमें यह संदेश देता है कि अत्याचार चाहे कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, अंततः धर्म और न्याय की ही विजय होती है।
अंत में पात्रों ने अपने अभिनय से दर्शकों का मन मोह लिया। राम की भूमिका प्रतीक कपूर, लक्ष्मण की संदीप राणा, सुग्रीव की सिकंदर राणा, हनुमान की गौरव गंगेर, बाली की यतिन खट्टर, तारा की शिवानी हंस, अंगद की आर्यन भाटिया, जामवंत की तरुण, शबरी की साध्वी सूद, नल की आनंद और नील की अभिजीत ने निभाई।