पिछले दिनों नेपाल की सत्ता के विरोध मे वहा के नागरिको ने जो आक्रोष बगावती तेवर दिखाया उसका कारण वहां के हुक्मरान थे .जो जनता की सुध लेने के बदले,सत्ता की मलाई खाने मे मशगूल थे l नेपाली लोगों ने उनकी जड़े खोद दी l नेपाल मे चार दिन पहले तक जो हिंसा का तांडव हुआ .उससे नेपाल मे वही लोग दुखी है जो सेक्युलर वादी एवं हिन्दू विरोधी मानसिकता रखते थे।नेपाल मे सत्ता के विरोध मे जो कुछ हुआ उसकी एक बानगी देखकर कोई भी समझ जायेगा,कि वहा की जनता इतनी इतनी गुस्से मे क्यों थी l
वहां के कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष व 5 बार नेपाल के प्रधानमंत्री रहे शेर बहादुर देउबा जिन्होंने सत्ता के लिए कम्युनिस्ट पार्टी से गठबंधन करके फिर से सत्ता की मलाई चाटने लगे.थे l परंतु नेपाल के मासूम और शांतिपसंद लोगों का वहां शोषण एवं अत्याचार,होने लगा व गौमाता का वध किया जाने लगा था।जनता को य़ह सहन नहीं हो रहा था l इसलिए बग़ावत पर उतरने के अलावा बड़े नेताओं व वीआईपी लोगों की जी भरकर हजामत कर दिए l
शेर बहादुर देउबा,जो 5 बार प्रधानमंत्री थे साथ ही वर्तमान में नेपाली संसद के अध्यक्ष और उनकी पत्नी आरजू विदेश मंत्री थी उनकी भीड़ ने उसकी खतरनाक मोबलीचिंग की है पूरा शरीर लहूलुहान है हड्डियों में कई जगह फैक्चर हुएl साथ में उसकी पत्नी थींवह भी लहूलोहान हुईंउसका बड़ा बेटा साथ था उसके कपड़े फाड़ दिए गए ।नेपाली सैनिक अपनी जान पर खेल कर उन्हें बचाने की पूरी कोशिश करते रहे l जनता का गुस्सा इतना अधिक था कि उनके रेस्क्यू के लिए एक हेलीकॉप्टर आया तो नेपाल की भीड़ में हेलीकॉप्टर पर पत्थरबाजी कर दिया जिससे हेलीकॉप्टर लैंड नहीं हो पाया है बाद में उन लोगों बड़ी मुश्किल से उनकी जान बचाई गईl
इससे ज़ाहिर होता है कि भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबे नेताओं कि दशा नेपाल और बांग्लादेश की तरह जनता कर देगी । नेपाल की घटना से हिंदुस्तान को सबक़ लेना चाहिये जनता को उसकी भावनाओं का निरादर करना भारी पड सकता है । जनता का विरोध भारी पड़ सकता है । मुद्दा पुराना नहीं हुआ इतिहास में दर्ज हो गया ।

संजय राय, एडिटर ईशान टाइम्स ग्रुप