
०३ अक्टूबर २०२५ (इंद्र यादव – स्वतंत्र लेखक,ठाणे ( महाराष्ट्र )),महाराष्ट्र के ठाणे जिले के वागले स्टेट में इस बार नवरात्रि उत्सव ने एक अनोखा रंग बिखेरा। यहाँ के छोटे-छोटे बच्चों ने अपनी श्रद्धा और साहस का परिचय देते हुए 2000 भक्तों के लिए भंडारा आयोजित किया। इस नेक कार्य के लिए बच्चों ने न केवल चंदा इकट्ठा किया, बल्कि पूरे उत्साह और समर्पण के साथ भंडारे की व्यवस्था को भी संभाला। उनकी इस पहल ने न सिर्फ स्थानीय लोगों का दिल जीता, बल्कि समाजसेवी श्री.महेंद्र सोडारी जी का भी ध्यान आकर्षित किया।
“बिन पगारी, मोटा अधिकारी की तर्ज पर मासूम बच्चों द्वारा बनाया गया नया संगठन “कालरात्रि मित्रं मंडल” के अध्यक्ष १५ वर्षीय अनमोल सरोज जी ने बताया कि हम बच्चों नें अनुराग सरोज (१३),विशाल जैसवार (१६),प्रतीक चौहान (१२)आदित्य जैसवार (१४),अयूब जैसवार (१३),यश जोशी (१२),अंश प्रजापति (11),रुद चौहान (१२),अनुन जैसवार (८),अविनाश मौर्या,अर्णव सहानी,विराज गौरव,देव शर्मा ने मिलकर इस भंडारे का विचार बनाया और इसे साकार करने के लिए दिन-रात मेहनत की। अनमोल सरोज ने कहा, “हम चाहते थे कि नवरात्रि के इस पवित्र अवसर पर माता रानी के भक्तों की सेवा करें। हमने घर-घर जाकर चंदा इकट्ठा किया और सामूहिक प्रयास से भंडारे की तैयारी की।” बच्चों की यह पहल देखकर हर कोई हैरान था कि इतनी कम उम्र में वे इतना बड़ा आयोजन कैसे कर पाए।
इस आयोजन की खबर जब समाजसेवी श्री.महेंद्र सोडारी जी तक पहुँची, तो वे बच्चों के उत्साह और श्रद्धा से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने तुरंत ₹10,000 का योगदान दिया। इसके साथ ही, उन्होंने बच्चों की सराहना करते हुए कहा इस मौके पर किसी भी प्रकार की सहायता के लिए मैं सदैव खड़ा हूं, इन बच्चों ने साबित कर दिया कि उम्र कोई मायने नहीं रखती, जब दिल में श्रद्धा और सेवा का जज्बा हो। इनका यह प्रयास समाज के लिए एक मिसाल है।”
भंडारे में 2000 भक्तों ने प्रसाद के रूप में काबुली चनें की सब्जी,जीरा राईस, बुनियाँ माता रानी का प्रसाद ग्रहण किया। बच्चों ने न केवल भोजन की व्यवस्था की, बल्कि स्वच्छता और अनुशासन का भी विशेष ध्यान रखा। स्थानीय लोगों ने इस आयोजन को ऐतिहासिक बताया और बच्चों की एकता और मेहनत की जमकर तारीफ की।
यह आयोजन न केवल नवरात्रि के उत्सव को और भी खास बनाया, बल्कि यह भी दिखाया कि छोटी उम्र में भी बड़े सपने और सेवा का जज्बा समाज में बदलाव ला सकता है। बच्चों का यह प्रयास निश्चित रूप से वागले स्टेट के लिए गर्व का विषय बन गया है।