उधमपुर 【इंद्र यादव】 मजालता में आतंकियों से लोहा लेते हुए देश के वीर सपूत अजमल अली खान शहीद हो गए। आज जब उनका पार्थिव शरीर घर पहुँचा, तो पूरा इलाका गमगीन था। लेकिन सबसे हृदयविदारक मंजर तब था, जब उनकी मासूम बेटी को आखिरी बार पिता का चेहरा दिखाने के लिए पास लाया गया।
वह मासूम, जिसे शायद ‘शहादत’ का मतलब भी ठीक से नहीं पता, अपने पिता के बेजान शरीर को देख कर “पापा… पापा…” चिल्लाने लगी। उसकी वह एक-एक पुकार वहां मौजूद हर शख्स की आंखों में आंसू दे गई।
एक सिपाही का फर्ज: सरहद की रक्षा के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी।
एक बेटी का दर्द: उम्र भर के लिए पिता का साया छिन गया।* देश का कर्ज: यह बलिदान कभी भुलाया नहीं जा सकता।
शहीद अजमल अली खान जी की वीरता को कोटि-कोटि नमन। ईश्वर इस मासूम बच्ची और पूरे परिवार को यह असहनीय दुख सहने की शक्ति दे।

December 20, 2025



