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राम के तीर से ढेर हुई ताड़का, पंडाल में गूंजे जयकारे

राम के बाण से गिरी ताड़का, गूंजे ‘जय श्रीराम’ के नारे
राम-लक्ष्मण के पराक्रम से कांपी ताड़का

मोहाली, 24 सितम्बर(संजय राय): श्री रामलीला एवं दशहरा कमेटी फेज़-1 मोहाली की रामलीला की तीसरी रात्रि में रामलीला एवं दशहरा मैदान में मंचित ताड़का वध प्रसंग ने दर्शकों को भाव-विभोर कर दिया। तीसरी रात्रि के मुख्य अतिथि स्काई हाइट रिलेटर की मालिक काक्षी सुखीजा थी। उन के साथ शिवानी मनचंदा, विवेक मनचंदा, सौरव सूद और प्रिया सूद आए थे।

कार्यक्रम की शुरुआत छोटे राम और लक्ष्मण के मंच पर आगमन के साथ हुई। ऋषि विश्वामित्र के मार्गदर्शन में दोनों भाइयों ने ताड़का और उसके अनुचरों से संघर्ष किया। मंचन के दौरान जब राम ने धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाकर तीर छोड़ा और ताड़का का वध किया, तो पूरा मैदान “जय श्रीराम” के जयकारों से गूंज उठा।

ताड़का की भूमिका अजय कुमार ने निभाई, जिनके दमदार संवाद और प्रभावशाली अदाकारी ने पूरे पंडाल का ध्यान अपनी ओर खींचा। वहीं छोटे राम और लक्ष्मण के साहस और शौर्यपूर्ण अभिनय ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

इसके पश्चात्, मंचन में मारीच, सुबाहु और अन्य राक्षसों के साथ हुए युद्ध को भी शानदार ढंग से प्रस्तुत किया गया। दर्शकों ने हर दृश्य का उत्साहपूर्वक स्वागत किया और तालियों की गड़गड़ाहट से कलाकारों का हौसला बढ़ाया।

आज के मंचन में — छोटे राम की भूमिका यश सोढ़ी ने, छोटे लक्ष्मण की भूमिका अर्णव ने, राजा दशरथ का अभिनय अमरिंदर सिंह ने, सुमंत की भूमिका मोनू भारती ने, गुरु वशिष्ठ का अभिनय आयुष शर्मा ने किया। मंत्रियों की भूमिकाएँ रुद्र, आर्यन भाटिया, आनंद और रंजीत अरमानी ने निभाईं। द्वारपाल की भूमिका भी मंच पर प्रस्तुत की गई। ऋषि विश्वामित्र के रूप में सिकंदर राणा, मारीच के रूप में मनीष कपुरिया, सुबाहु के रूप में आदित्य खन्ना, जबकि अन्य राक्षसों की भूमिकाएँ विक्रमजीत, यतिन खट्टर और रोहित ने निभाईं।

कमेटी के प्रेसिडेंट आशु सूद ने बताया कि ताड़का वध प्रसंग यह सिखाता है कि अधर्म और अन्याय चाहे कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, अंततः धर्म और सत्य की ही विजय होती है। उन्होंने आगे कहा कि आने वाले दिनों में अहिल्या उद्धार और सीता स्वयंवर जैसे प्रसंग मंचित किए जाएंगे।

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