पूर्व वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी राजबीर देशवाल बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी
राजबीर देसवाल ने 24 पुस्तकों और पाँच हजार से अधिक लेखों का किया सृजन
पंचकूला, 3 अक्तूबर (ईशान राय, ईशान टाइम्स)। हरियाणा साहित्य एवं संस्कृत अकादमी के सभागार में आज आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हरियाणा के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर ने पूर्व वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी राजबीर देशवाल की 24वीं कृति ओल्ड हैट्स का विमोचन किया।
इस अवसर पर पूर्व मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोडा, अकादमी के कार्यकारी उपाध्यक्ष डॉ कुलदीप चंद अग्निहोत्री, सदस्य सचिव मनजीत सिंह, अकादमी निदेशक डॉक्टर चंद्र त्रिखा, डॉक्टर धर्म देव विद्यार्थी, डाक्टर सीडीएस कौशल और हरपाल सिंह और सुप्रसिद्व गजल गायिका श्रीमती गुरदीप गुल उपस्थित रहे।
समारोह के मुख्य अतिथि राजेश खुल्लर ने राजबीर देशवाल के बहुआयामी व्यक्तित्व के विभिन्न पक्षों को उद्घाटित करते हुए उनके साहित्यिक योगदान पर विशेष चर्चा की। उन्होंने गौतम बुद्ध के मध्य मार्ग से राजबीर देशवाल के मिडल्स की तुलना करते हुए बताया कि लेखक किस तरह से अपने निजी अनुभवों को सार्वजनिक बना देता है। सीम को असीम बना देना ही कला की खूबी होती है।

अकादमी के कार्यकारी उपाध्यक्ष प्रोफेसर कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने राजबीर देशवाल को उनकी 24वीं पुस्तक पर विशेष शुभकामनाएं प्रदान की। पुस्तक की रचना प्रक्रिया पर लेखक राजबीर देशवाल से वरिष्ठ पत्रकार वंदना शुक्ला ने विस्तार से बातचीत की।
गहन अध्ययन और ग्रामीण संस्कारों से संपन्न, 68 वर्षीय राजबीर देसवाल बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी हैं। वे एक प्रख्यात लेखक, कलाकार, प्रशासक, राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित पुलिस अधिकारी और जीवन की सुकोमल प्रवृत्तियों को आत्मसात करने वाले संवेदनशील मनुष्य हैं।
अपने पेशे में उत्कृष्टता और साहित्यिक जुनून के बीच संतुलन साधते हुए, राजबीर देसवाल ने 24 पुस्तकों और पाँच हजार से अधिक लेखों का सृजन किया है। देसवाल को 2008 में राष्ट्रपति पुलिस पदक ‘मेरीटोरियस सर्विस’ तथा 2016 में ‘डिस्टिंग्विश्ड सर्विस’ से अलंकृत किया गया। उन्हें हरियाणा साहित्य अकादमी के पंडित लखमीचंद पुरस्कार और विशेष साहित्य सेवी सम्मान के साथ-साथ हरियाणा गौरव सम्मान भी प्राप्त हुआ। वे इंडियन सोसाइटी ऑफ ऑथर्स के सदस्य हैं।
कार्यक्रम में मंच संचालन शम्स तबरेजी द्वारा किया गया।
इस अवसर पर वरिष्ठ अधिकारी, साहित्यकार तथा ट्राईसिटी के अनेक लेखक उपस्थित रहे ।