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पंचकूला करेगा 11वें इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (IISF) 2025 की मेजबानी- उपायुक्त

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह और मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी 6 दिसंबर को करेंगे इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल का उद्घाटन

सेक्टर-5 स्थित दशहरा ग्राउंड मे आयोजित समारोह में देश के विभिन्न राज्यों से हजारों छात्र, युवा शोधकर्ता, नीति निर्माता और विज्ञान प्रेमी लेंगे भाग

40 से 50 हजार लोग इस आयोजन के बनेंगे साक्षी

पंचकूला, 5 दिसंबर(संजय राय): पंचकूला 6 दिसंबर से 9 दिसंबर तक 11वें इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (IISF) 2025 की मेजबानी करेगा। सेक्टर-5 स्थित दशहरा ग्राउंड में आयोजित होने वाले इस भव्य कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यों से हजारों छात्र, युवा शोधकर्ता और विज्ञान प्रेमी भाग लेंगे।

उपायुक्त सतपाल शर्मा ने यह जानकारी आज कार्यक्रम स्थल पर आयोजित एक प्रेस वार्ता में दी। इस अवसर पर विज्ञान भारती के राष्ट्रीय संगठन सचिव डॉ. शिव कुमार शर्मा, भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम), पुणे के निदेशक डॉ. सूर्यचंद्र राव, नगराधीश जागृति, विज्ञान भारती के राष्ट्रीय सचिव प्रवीण रामदास तथा आईआईटीएम के समन्वयक डॉ. अनुप महाजन उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी 7 दिसंबर को आयोजित प्रथम सत्र को संबोधित करेंगे

इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल का उद्घाटन 6 दिसंबर को केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह और मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी द्वारा किया जाएगा। वहीं हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी 7 दिसंबर ,रविवार को आयोजित प्रथम सत्र को संबोधित करेंगे। हरियाणा के राज्यपाल श्री अशीम कुमार घोष 9 दिसंबर को समापन समारोह में मुख्य अतिथि होंगे।

देशभर से आने वाले छात्रों के रहने-खाने, परिवहन तथा कार्यक्रम स्थल तक पहुंचने की समुचित व्यवस्था की गई है

उपायुक्त ने कहा कि यह पंचकूला के लिए गर्व की बात है कि भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इस प्रतिष्ठित आयोजन के लिए पंचकूला को चुना है। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए जिला प्रशासन द्वारा सभी आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित किए गए हैं। देशभर से आने वाले छात्रों के रहने-खाने, परिवहन तथा कार्यक्रम स्थल तक पहुंचने की समुचित व्यवस्था की गई है। पंचकूला के स्कूली छात्रों और विज्ञान में रुचि रखने वाले नागरिकों को भी इस आयोजन में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया है, ताकि वे विज्ञान की नवीनतम प्रगति और शोध कार्यों से रूबरू हो सकें।

इस वर्ष इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल विज्ञान से समृद्धि – आत्मनिर्भर भारत थीम पर होगा आयोजित

आईआईटीएम पुणे के निदेशक डॉ. सूर्यचंद्र राव ने बताया कि इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल का आयोजन पिछले 10 वर्षों से किया जा रहा है और इसका 11वां संस्करण इस वर्ष पंचकूला में 6 से 9 दिसंबर तक आयोजित होगा। इस वर्ष का थीम “विज्ञान से समृद्धि – आत्मनिर्भर भारत” रखा गया है। इसके तहत विभिन्न सब-थीमों पर इंटरएक्टिव सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिनमें विद्यार्थियों को बताया जाएगा कि विज्ञान और तकनीक प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत 2047 के विजन को साकार करने में कैसे सहायक हो सकते हैं।

उन्होंने कहा कि आयोजन के दौरान छात्र देशभर से आए विशेषज्ञों से सीधे संवाद कर सकेंगे और अपनी जिज्ञासाओं का समाधान पा सकेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि देश के विभिन्न प्रतिष्ठित शोध संस्थान आमजन के लिए प्रदर्शनी में स्टॉल लगाएंगे, जिनका अवलोकन कोई भी नागरिक कर सकता है।

उत्सव का उद्देश्य वैज्ञानिक दृष्टिकोण का प्रसार और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में अग्रसर प्रयास

विज्ञान भारती के राष्ट्रीय संगठन सचिव डॉ. शिव कुमार शर्मा ने बताया कि लगभग 40 से 50 हजार लोग इस आयोजन के साक्षी बनेंगे। विद्यार्थियों को इसरो एवं डीआरडीओ के वैज्ञानिकों से मिलने–जुलने और बातचीत करने का अवसर मिलेगा। फेस्टिवल के दौरान समुद्री यान से संबंधित एक विशेष प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। उन्होंने कहा कि इस उत्सव का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों, युवाओं, शोधकर्ताओं और नीति निर्माताओं में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देना और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को आगे बढ़ाना है। उन्होंने बताया की समारोह में

प्रथम दिन भारतीय अंतरिक्ष यात्री सुभांशु शुक्ला के साथ पॉपुलर टॉक एवं इंटरेक्शन का आयोजन होगा

साइंस फेस्टिवल के चारों दिन विभिन्न विषयों पर इंटरएक्टिव सत्र होंगे। 6 दिसंबर को 11:30 से 12:30 बजे तक भारतीय अंतरिक्ष यात्री सुभांशु शुक्ला के साथ पॉपुलर टॉक एवं इंटरेक्शन का आयोजन होगा। इसी प्रकार 7, 8 और 9 दिसंबर को फायर साइड चैट, ब्लू इकोनॉमी, इंटरनेशनल ओलंपियाड मीट, साइंस–टेक्नोलॉजी–डिफेंस–स्पेस एक्सपो, साइंस सफारी, हैकेथॉन, वुमन इन साइंस, न्यूक्लियर एनर्जी आदि विषयों पर विभिन्न सत्र आयोजित किए जाएंगे।

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