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धीरेंद्र शास्त्री से मिलवाने के नाम पर किया महिला का बलात्कार और ब्लैकमेल का आरोप

बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री से मिलवाने के नाम पर महेंद्र दुबे नें महिला का किया बलात्कर और ब्लैकमेल का आरोप

मध्य प्रदेश! छतरपुर की उस 27 वर्षीय महिला की कहानी सुनकर दिल दहल जाता है। धीरेंद्र शास्त्री जैसे आध्यात्मिक नेता से मिलने की आस में उसने अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया,पैसे, सम्मान, शरीर और आत्मा। महेंद्र दुबे नाम का शख्स, जो खुद को बागेश्वर धाम का सक्रिय शिष्य बताता था, ने ठगी का ऐसा जाल बिछाया कि महिला न केवल ढाई लाख रुपये गंवा बैठी, बल्कि दुष्कर्म की शिकार हुई, ब्लैकमेल का सामना किया और अंत में मारपीट-लूट की गवाह बनी। यह सिर्फ एक महिला की त्रासदी नहीं, बल्कि हमारे समाज की उस गहरी बीमारी का आईना है, जहां आस्था को हथियार बनाकर कमजोरों को लूटा जाता है। कितने दर्दनाक है कि भगवान के नाम पर इंसान इंसान का शिकार बन जाता है! सोचिए, उस महिला के मन में क्या चल रहा होगा। आध्यात्मिक सांत्वना की तलाश में वह ऑनलाइन और ऑफलाइन दुनिया में भटक रही थी। शादी का झूठा वादा, मिलने का लालच , ये वे हथकंडे हैं जो रोजाना हजारों महिलाओं को फंसाते हैं। महेंद्र दूबे ने न केवल पैसे ऐंठे, बल्कि चुपके से वीडियो बनाकर ब्लैकमेल की। फिर शनिवार रात बड़े बगराजन में बुलाकर मारपीट की, फोन, चेन और बाली छीन ली। यह सिर्फ अपराध नहीं, बल्कि एक निर्दयी खेल है जहां पीड़िता की चीखें अनसुनी रह जाती हैं। पुलिस ने दो थानों में केस दर्ज किया है, छापेमारी चल रही है, लेकिन क्या गिरफ्तारी से उस महिला का खोया सम्मान लौट आएगा! क्या उसके जख्म भर जाएंगे!
यह घटना हमें समाज की कड़वी सच्चाई से रूबरू कराती है। हमारा समाज आस्था का कितना दुरुपयोग करता है! बागेश्वर धाम जैसे स्थान लाखों लोगों के लिए उम्मीद की किरण हैं, लेकिन ऐसे ठग उन्हें बदनाम करते हैं। महिलाएं सबसे ज्यादा शिकार बनती हैं क्योंकि सामाजिक दबाव उन्हें चुप रहने पर मजबूर करता है। शादी का वादा, ब्लैकमेल, दुष्कर्म , ये पुरानी कहानियां हैं, लेकिन हर बार नई पीड़ा लेकर आती हैं। क्यों हमारी बेटियां, बहनें सुरक्षित नहीं! क्यों आस्था के नाम पर ठगी को रोकने के लिए सख्त कानून नहीं! पुलिस कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन हमें जागरूकता फैलानी होगी , ऑनलाइन ठगों से सावधान रहें, अजनबियों पर आंख मूंदकर भरोसा न करें।
हे समाज, जागो! उस महिला की आंसू हमें जगाने चाहिए। आस्था को मजबूत बनाओ, लेकिन अंधभक्ति को नहीं। पीड़िता को न्याय मिले, आरोपी को सजा। तभी हम कह सकेंगे कि हम इंसानियत के हकदार हैं। यह दर्द हम सबका है! इसे सहते रहें या बदलें!चुनाव तुम्हारा !

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  • indra Yadav / Ishan Times Group
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