
कुल्लू (ईशान टाइम्स )।कुल्लू घाटी की ठंडी रातों में झनियार गांव के 16 परिवारों की उम्मीदें पलभर में राख हो गई। भीषण अग्निकांड में पीडि़त परिवारों की जिंदगी की सारी जमा-पूंजी आग की लपटों में जलकर राख के ढेर में तबदील हो गई। सोमवार दोपहर करीब दो बजे जब पहाड़ खामोश थे, तब एक घर से उठी चिंगारी ने पलक झपकते ही पूरे गांव को अपने चपेट में ले लिया। लोगों ने तुरंत मोर्चा संभालते हुए खुद को घरों से बाहर निकाला, अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था। आग इतनी भयंकर थी कि देखते ही देखते सारी कमाई आंखों के सामने तबाह हो गई। अग्निकांड में मासूम बच्चों के खिलौने व स्कूल बैग भी जल गए। अग्निकांड के बाद गांव में सन्नाटा छा गया। अब हर चेहरे पर एक ही सवाल है।
इस सर्दी में रात कैसे कटेगी। जहां कभी रसोई की आंच से घर गर्म रहता था। वहां अब राख उड़ रही है और ठंडी हवाएं सीने को चीर जाती हैं। इन जले हुए घरों से उठता धुआं सिर्फ आग का नहीं उन लोगों की मजबूरी, बेबसी और टूटे हुए सपनों की निशानी है। अब प्रभावितों की नजर सरकार पर टिकी हुई है कि अब सरकार ही उन्हें उनके गांव व घर को बसाने में मदद कर पाएगी। प्रभावितों को अब सरकार से ही उम्मीद है कि फिर से पूरा गांव बसाने में सरकार ही प्रभावितों की मदद कर पाएगी।



