सीता स्वयंवर की लीला ने मन मोहा
चंडीगढ़ (ईशान राय , ईशान टाईम्स): उत्तराखंड जनसेवा एवं सांस्कृतिक मंच चंडीगढ़ द्वारा,आज सैक्टर 28 बी में रामलीला के तीसरे दिन के सीता स्वयंवर,अहिल्या उद्धार,दिखाया गया जिसे देखने जन सैलाब उमड़ पड़ा।आधुनिक तकनीक, प्रसिद्ध कलाकारों की प्रस्तुति और भक्ति माहौल ने रामलीलाओं को सभी के लिए अविस्मरणीय बना दिया। दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट से कलाकारों का उत्साहवर्धन किया। रामलीला मंचन देखने के लिएआसपास के सेक्टरों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। श्रद्धा और भक्ति के इस माहौल में मंचन देर रात तक चलता रहा।

जनकपुरी में राजा जनक ने अपनी पुत्री सीता के स्वयंवर की घोषणा की और शर्त रखी कि जो शिव जी के धनुष को उठा कर उस पर प्रत्यंचा चढ़ाएगा, वही सीता से विवाह करेगा। बड़े-बड़े राजाओं ने प्रयास किया, पर धनुष हिला तक न सके। इसी बीच प्रभु श्रीराम ने सहजता से धनुष उठा लिया, जो टूट गया। शहर में पहली बार पारम्परिक एवं आधुनिक नाट्य प्रस्तुति के संगम से आयोजित यह रामलीला शहरवासियों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है।
मुख्य अतिथि साहिब सिंह पंवार व जब्बर सिंह नेगी रामलीला की तारीफ की और खुशी जताई कि रामलीला मंचन कर रहे कलाकारों ने मर्यादित भाषाशैली का प्रयोग कर जनता का मन मोहा लिया । इस मौके पर सभा के समस्त पदाधिकारी, सदस्य मौजूद थे।