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राम - सीता मिलन दृश्य ने भाव-विभोर किया, दशहरा मैदान तालियों से गूंजा

मोहाली, 25 सितम्बर(संजय राय,ईशान टाइम्स)। श्री रामलीला एवं दशहरा कमेटी फेज़-1, मोहाली द्वारा आयोजित रामलीला मंचन में बीती रात सीता स्वयंवर का भव्य दृश्य प्रस्तुत किया गया। दशहरा मैदान में सजे इस अलौकिक मंचन ने दर्शकों को अयोध्या और जनकपुरी की पौराणिक झलक का सजीव अनुभव कराया। मुख्यातिथि के रूप में श्रीमती आशी शर्मा थी।

कार्यक्रम की शुरुआत माता लक्ष्मी की आरती से हुई, जिसके बाद कथा प्रवाह के अंतर्गत राम, लक्ष्मण और विश्वामित्र के जनकपुरी आगमन का दृश्य मंचित हुआ। स्वयंवर सभा में अनेक राजाओं ने शिव धनुष उठाने का प्रयास किया, किन्तु सभी असफल रहे। रावण के असफल होने के बाद जब भगवान राम ने सहजता से धनुष उठाया और भंग कर दिया, तो पूरा पंडाल “जय श्रीराम” के नारों से गूंज उठा। इसके बाद सीता जी ने श्रीराम को वरमाला पहनाई, जिसे देख दर्शक भाव-विभोर हो गए।

स्वयंवर का चरम तब आया जब परशुराम क्रोधित होकर सभा में पहुँचे और राम से संवाद हुआ। इस दौरान लक्ष्मण और परशुराम के बीच हुए तीखे संवाद ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया। राम द्वारा परशुराम को अपने वास्तविक स्वरूप का दर्शन कराने के पश्चात पूरा वातावरण शांत और भक्तिमय हो गया।

आज की रात का मंचन दर्शकों के लिए अविस्मरणीय रहा। दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट और “जय श्रीराम” के उद्घोष से कलाकारों का उत्साहवर्धन किया। इस अवसर पर कमेटी अध्यक्ष आशु सूद ने बताया कि आने वाले दिनों में राम वनगमन, खर-दूषण वध और अन्य प्रमुख प्रसंग मंचित किए जाएंगे।

मंचन में कलाकारों ने अपनी भूमिकाओं से जीवंतता भर दी। राम की भूमिका प्रीतीक कपूर, सीता की चेतना, लक्ष्मण की संदीप राणा और राजा जनक की अमित वर्मा ने निभाई। विश्वामित्र के रूप में सिकंदर राणा और परशुराम के रूप में गौरव गंगेर मंच पर उतरे। भट्ट की भूमिका अमरिंदर सिंह और रावण का अभिनय कमल शर्मा ने किया। अन्य राजाओं में भोपाल नरेश – मनीष कपूरिया, दिल्ली नरेश – संतोष कुमार, उज्जैन नरेश – मोनू भारती, मथुरा नरेश – रंजीत कुमार, खड़क सिंह – रोहित और पंजाबी नरेश – अनुराग शामिल रहे। सीता सखी के रूप में रानी ने सभी का मन मोह लिया।

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