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यूपी में एंटी पावर थेफ्ट पुलिस का इंस्पेक्टर ही निकला सबसे बड़ा "करंट चोर"!

उत्तर प्रदेश/बरेली, में ईमानदारी का बोलबाला है भई! योगी जी की सरकार में भ्रष्टाचार नाम की कोई चीज़ बची ही कहाँ है! हर थाने में सीसीटीवी, हर अफसर पर निगरानी, हर फाइल पर पारदर्शिता,और फिर भी, बेचारे इकबालपुर थाने के प्रभारी निरीक्षक श्री.अरुण कुमार यादव साहब जी को क्या हो गया जिन्हें भ्रष्टाचार निवारण संगठन (ACB) ने उन्हें रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया। अरे भाई, मात्र पाँच हज़ार रुपये! वो भी बिजली चोरी के एक मामूली से आरोपी पिता-पुत्र को जमानत दिलाने के एवज में। अब सोचिए जरा,इतने बड़े इंस्पेक्टर साहब, जिनकी वर्दी पर तारे चमकते हैं, जिनके नाम से इलाके में दहशत फैलती है, वो सिर्फ़ पाँच हज़ार में बिक गए! ये तो वही बात हुई कि शेरनी का दूध पिलाकर बड़ा किया गया शेर, अंत में चूहे के जाल में फँस जाए। साहब ने शायद सोचा होगा कि “आजकल महँगाई इतनी है, पेट्रोल सौ पार कर गया, बच्चों की फीस, बीवी की शॉपिंग,पाँच हज़ार क्या बुराई है! छोटा-मोटा सर्विस चार्ज ही तो है! लोग कहते हैं न,“रिश्वत लेना गुनाह नहीं, पकड़े जाना गुनाह है”। बेचारे यादव साहब तो पुराने ज़माने के खिलाड़ी थे। उन्हें क्या पता था कि अब ACB वाले भी ऑनलाइन हो गए हैं! शिकायत आई, जाल बिछा, दोपहर में ट्रैप सफल,बस हो गया खेल! जैसे कोई अमेज़न से सामान ऑर्डर करो और डिलीवरी टाइम पर पहुँच जाए। फर्क सिर्फ़ इतना कि यहाँ डिलीवरी लड़के की जगह हथकड़ी लेकर आई। सबसे मज़ेदार बात तो ये है कि मामला बिजली चोरी का था। यानी बिजली चुराने वालों से जमानत दिलाने के लिए खुद बिजली (करंट) ले लिया साहब ने। ऊपर से पाँच हज़ार! अरे साहब, कम से कम दस-पंद्रह तो माँग लेते। थोड़ी तौहीन तो बनती थी न अपनी कुर्सी की! अब तो लोग कह रहे हैं,“भईया, बरेली में अब जमानत का रेट क्रैश हो गया, पहले लाखों में बात होती थी, अब पाँच हज़ार में काम तमाम!”
योगी जी ने साफ़ कहा है,“भ्रष्टाचार नहीं चलेगा”। बिलकुल सही कहा। अब तो भ्रष्टाचार भी डर के मारे रिटायरमेंट लेने लगा है। एक-एक करके सारे पुराने खिलाड़ी पकड़े जा रहे हैं। नया नियम है,या तो ईमानदार बन जाओ, या ACB की मेहमाननवाजी के लिए तैयार रहो। तो अगली बार जब कोई थानेदार आपसे “कुछ चाय-पानी” माँगे, तो मुस्कुराकर कह देना,“साहब, चाय-पानी तो ठीक है, पर ACB को भी तो कुछ चाहिए न!” वरना पाँच हज़ार में आपकी जमानत भी हो जाएगी और साहब की नौकरी भी।ईमानदारी जिंदाबाद! ACB जिंदाबाद! और वो पाँच हज़ार… वो तो अब सरकारी खाते में जमा हो गए होंगे,टैक्स फ्री!

  • इंद्र यादव
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