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भारत की धरती पर सजीव होता विविधताओं का उत्सव

विश्व पर्यटन दिवस 2025 : विशेष

मनोज वत्स

हर साल 27 सितम्बर को मनाया जाने वाला विश्व पर्यटन दिवस यह याद दिलाता है कि पर्यटन केवल घूमने-फिरने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह किसी राष्ट्र की आर्थिक सुदृढ़ता, सामाजिक साझेदारी और सांस्कृतिक पहचान को सशक्त बनाने वाला स्तंभ है। इस वर्ष की थीम “पर्यटन और हरित निवेश” भविष्य के लिए उस सोच को बल देती है, जिसमें पर्यटन का विकास पर्यावरण संरक्षण, नवीकरणीय ऊर्जा और सतत प्रथाओं के साथ हो।

भारत: विविधता में एकता का पर्यटन स्थल

भारत के पास दुनिया के सबसे अनूठे पर्यटन अनुभव मौजूद हैं। उत्तर में हिमालय की बर्फीली चोटियाँ हैं, तो दक्षिण में समुद्र के विस्तृत तट। वाराणसी, बोधगया और अमृतसर जैसे तीर्थ स्थल आध्यात्मिक शांति प्रदान करते हैं, वहीं जयपुर, उदयपुर और आगरा जैसे शहर इतिहास और स्थापत्य कला की कहानियाँ सुनाते हैं। केरल के बैकवाटर्स हों या लद्दाख की वादियाँ, भारत का हर कोना पर्यटकों के लिए नया अनुभव है।

अर्थव्यवस्था और रोजगार का आधार

भारत का पर्यटन उद्योग आज तेजी से उभरते क्षेत्रों में गिना जाता है। यह देश की जीडीपी में महत्वपूर्ण योगदान देता है और करोड़ों लोगों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार का साधन बन चुका है। ग्रामीण इलाकों में होम-स्टे, स्थानीय गाइडिंग, हस्तशिल्प और लोककला से जुड़ी पहलें न केवल रोजगार बढ़ा रही हैं बल्कि पलायन की समस्या को भी कम कर रही हैं।

सामाजिक-सांस्कृतिक महत्व

पर्यटन ने भारतीय समाज में सांस्कृतिक आदान-प्रदान और सद्भावना को नया आयाम दिया है। विभिन्न धर्मों, भाषाओं और परंपराओं के बीच संवाद बढ़ा है। महिला सशक्तिकरण और युवा उद्यमिता को पर्यटन ने विशेष बल दिया है। यह क्षेत्र स्थानीय कला, खानपान और संगीत को वैश्विक पहचान दिलाने में सेतु का काम कर रहा है।

सॉफ्ट पावर और भारत की छवि

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन भारत की सॉफ्ट पावर को मजबूत करता है। इनक्रेडिबल इंडिया और देखो अपना देश जैसे अभियानों ने भारत की छवि को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया है। जी-20 जैसे वैश्विक आयोजनों ने हमारे सांस्कृतिक वैभव और आधुनिक सुविधाओं को विश्व समुदाय के सामने रखा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को भी नई गति मिली है। अयोध्या में श्रीराम मंदिर, काशी विश्वनाथ धाम और प्रयागराज का महाकुंभ न केवल आस्था का केंद्र बने हैं, बल्कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की धार्मिक पर्यटन शक्ति को भी उजागर किया है।

भविष्य की संभावनाएँ

भारत अब दुनिया के सबसे बड़े पर्यटन बाजारों में शामिल होने की राह पर है। डिजिटल प्लेटफॉर्म, वर्चुअल टूर, एआई आधारित यात्रा मार्गदर्शन और बेहतर परिवहन सुविधाओं ने पर्यटन को नई दिशा दी है। खासकर युवाओं और मिलेनियल्स के लिए साहसिक खेल, वेलनेस टूरिज्म और अनुभव-आधारित यात्रा नए अवसर लेकर आ रहे हैं।

भारत के पास प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक धरोहर का अनूठा संगम है। यदि पर्यटन विकास को पर्यावरण-संवेदनशील और आधुनिक सुविधाओं से जोड़ा जाए तो भारत न केवल वैश्विक पर्यटन शक्ति बनेगा, बल्कि अपनी आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के दम पर विश्व का नेतृत्व भी करेगा।
विश्व पर्यटन दिवस हमें यही संदेश देता है—भारत की धरती हर यात्री के लिए एक नया अनुभव, एक नई प्रेरणा और एक नई ऊर्जा संजोए हुए है।

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