ishantimes

Upcoming Games

Follow Us On

नागा साधु के वेश में लुटेरे

भारत में सरकार के आदमी साधू के वेश में डकैत निकले ! विश्वगुरु भारत का ‘भस्मासुर’ ड्रामा !

भारत ! “ये देश है वीर जवानों का, बाबाओं का, साधुओं का… और अब लुटेरों का! फिल्मी स्टाइल में कहें तो, मध्य प्रदेश के उज्जैन में जो ड्रामा हुआ, वो किसी बॉलीवुड मसाला फिल्म से कम नहीं। नागा साधु बनकर हाईवे पर गाड़ियां रोकना, भभूत लगाना, माला पहनना और फिर धमकी देना ,रुपये नहीं दिए तो भस्म कर दूंगा! ” वाह रे विश्वगुरु भारत! जहां एक तरफ हम योग, ध्यान और गीता का पाठ दुनिया को सिखाते हैं, वहीं हमारे ‘आधुनिक भस्मासुर’ साधु बनकर लूट का धंधा चला रहे हैं। ये है हमारा ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ , पूरा विश्व परिवार, लेकिन पहले जेब कुटुम्बकम!नकल्पना कीजिए, कालियादेह का मंसूर भाई अपनी बीवी हिना और दो बच्चों के साथ इंदौर जा रहा है। परिवार खुशी-खुशी, गाने बज रहे होंगे “ये देश है विश्वगुरु का…” अचानक नीमनवासा मोड़ पर आ जाते हैं हमारे ‘ नागा बाबा’। शरीर पर भभूत, गले में फूलमाला, हाथ में त्रिशूल (या शायद लूट का हथियार) और मुंह से डायलॉग ,”भस्म कर दूंगा!” डर के मारे मंसूर ने दो सोने की अंगूठियां (एक लाख की) और पचास हजार कैश थमा दिए। अरे वाह! महाभारत में भस्मासुर को शिवजी ने वरदान दिया था, लेकिन यहां तो खुद ही ‘वरदान’ ले रहे हैं , लूट का लाइसेंस! और पुलिस वो तो कमाल की! उज्जैन की लूट के महज 30 मिनट बाद नरवर थाना वाले पालखन्दा चेकपॉइंट पर अर्टिगा कार रोकते हैं। कार में सात ‘साधु’ दिल्ली और हरियाणा के राकेश कुमार (45), मगन नाथ (19), रुमाल नाथ (60), राजेश नाथ (41), बिरजू नाथ (45), अली नाथ (20) और अरुण नाथ (25)। सबके सब भभूत लगाए, माला पहने, लेकिन जेब में लूटा माल! पुलिस ने जेवर-नगदी बरामद कर ली। गिरोह ने उज्जैन, घटिया, देवास, शाजापुर में कई वारदातें कीं। फिल्मी डायलॉग में कहें ,”अपराधी कितना भी चालाक हो, कानून की लाठी अंत में उसकी ही पीठ पर पड़ती है!” लेकिन , विश्वगुरु जी! हम दुनिया को ‘अहिंसा परमो धर्म, सिखाते हैं, लेकिन हमारे हाईवे पर ‘लूट परमो धर्म,’ चल रहा है। एक तरफ हम ‘मेक इन इंडिया’ कहते हैं, दूसरी तरफ ‘फेक इन इंडिया’ , फेक साधु, फेक बाबा, फेक योगी! नागा साधु तो असली वाले कुंभ में ध्यान करते हैं, लेकिन ये वाले हाईवे पर ‘ध्यान’ लगाते हैं, तुम्हारी जेब पर! “भारत माता की जय!” कहते हुए जेब काटना ,ये है हमारा ‘डिजिटल इंडिया’ का एनालॉग वर्जन,अरे, सरकार जी, विश्वगुरु बनने से पहले अपने हाईवे को ‘सुरक्षित गुरु’ बना लो। वरना अगली बार कोई विदेशी टूरिस्ट आएगा, साधु देखकर प्रणाम करेगा, और जेब खाली हो जाएगी। तब डायलॉग बनेगा , “ये क्या हो रहा है, माननीय ये विश्वगुरु है या लुटेरु” हंसते-हंसते रोना आता है, लेकिन सच्चाई यही है। जय हिंद… या जय लूट..!

  • indra Yadav /Ishan Times
Scroll to Top