पंचकूला/कमल कलसी/ “थांग-ता” मणिपुर उत्तर पूर्व भारत, की एक पुरातन युद्ध कला है। यह एक सांस्कृतिक परंपरा टेकनीक और हथियार चलाने की विधि है।यह मणिपुर की एक बहु प्रचलित युद्ध कला है जिसे “ह्यूएन लालोंग” के नाम से भी जाना जाता है। “थांग-ता” का शाब्दिक अर्थ तलवार और “ता” का शाब्दिक अर्थ भाला होता है। यह युद्ध कौशल और पूजा के लिए समर्पित है। इस युद्ध कला का अभ्यास मणिपुर के मेइती समुदाय के लोगों द्वारा किया जाता है। यह 400 साल पहले राजा महाराजाओं द्वारा इसे शुरू किया गया था। चूं कि इस खेल में भाला व तलवार इस्तेमाल होता है इसलिए भारत की आजादी से पहले अंग्रेजों ने इस पर बैन लगा दिया था। लेकिन भारत आजाद होने के बाद भारत सरकार ने इसे प्राचीन युद्ध कला मानते हुए इस पर लगाए गए बैन को हटा दिया था।
थांग-ता एसोसिएशन, हरियाणा, थांग-ता फेडरेशन ऑफ इंडिया के द्वारा मान्यता प्राप्त एक संस्था है। थांग-ता से मिलती-जुलती एक और युद्ध कला “स्काय” (SQAY) का नाम सामने आता है। जिसे स्काई फेडरेशन ऑफ इंडिया से मान्यता प्राप्त बताई जाती है। जिसके प्रधान बशरत रसूल हैं। “स्काय” एसोसिएशन हरियाणा के एक सर्कुलर के मुताबिक 25वीं केडिट, सब यूनियर एवं यूनियर नेशनल “स्काय” चैंपियनशिप 2024, 25, ताऊ देवीलाल स्टेडियम के प्रागंण में बने एक ओलम्पिक हाल सेक्टर 3 पंचकूला (हरियाणा) में 7 से 9 दिसंबर 2024 को प्रतियोगिता रखी गई है। प्रतियोगिता में भाग लेने की फीस रुपए 3000/ प्रति खिलाड़ी है। इसके अलावा और भी कई शर्ते हैं।
युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार, द्वारा एक आदेश तारीख 5 ,9, 2023 को जारी किया गया। उसमें बताया गया कि उनके पास एक शिकायत आई है कि “स्काय” फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) ने जाली दस्तावेज देकर उसे पंजीकृत करवाया है। खेल मंत्रालय ने डायरेक्टर, डायरेक्टर ऑफ इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स, कश्मीर से इस बारे जानकारी मांगी थी। डायरेक्टर आफ इंडस्ट्री एंड कॉमर्स कश्मीर ने जवाब देते उन्हें कहा कि उनके पास “स्काय” फेडरेशन ऑफ इंडिया के नाम का कोई रिकॉर्ड नहीं है।
ऊपर लिखी जानकारी को ध्यान में रखते हुए खेल मंत्रालय, भारत सरकार ने “स्काय फेडरेशन ऑफ इंडिया” दरांगबल पेंपोर (जम्मू और कश्मीर), को एक पत्र दि० 5, 9, 2023 द्वारा सूचित किया कि “स्काय फेडरेशन ऑफ इंडिया” की मान्यता तत्काल प्रभाव से वापस ली जाती है। उसे पत्र की प्रतियां नीचे लिखे भारत सरकार के विभागों को भी भेज दी गई है: 1, डायरेक्टर जनरल स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया,
2, जॉइंट सेक्रेटरी एवम सीईओ इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन,
3, डीडीजी (Teams), स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया,
4, डायरेक्टर (एमडीएसडी) डिपार्टमेंट ऑफ़ स्पोर्ट्स,
दिनांक 4 नवंबर 2024 को मदनलाल बागड़ी महासचिव थांग-ता एसोसिएशन हरियाणा" ने हिमाद्री कौशिक (IPS), डीसीपी पंचकूला को एक पत्र लिखा जिसमें कहा गया कि 25वीं राष्ट्रीय स्काए चैंपियनशिप 2024, 25, जो की ताऊ देवीलाल स्टेडियम सेक्टर 3 पंचकुला (हरियाणा) में दिनांक 7 से 9 दिसंबर 2024 को होने जा रही है। को रोका जाए और उस पर कानूनी कार्रवाई की जाए, क्योंकि उन्होंने हाईकोर्ट मणिपुर के ऑर्डर की उल्लंगना की है। उन्होंने आरोप लगाया की "स्काय" मार्शल आर्ट ने " थांग-ता" मार्शल आर्ट की नकल (DOUBLET) की है। उन्होंने कहा नजीर अहमद मीर जोकि कश्मीर से है ने धोखे से "थांग-ता" मार्शल आर्ट की नकल करके "स्काय" मार्शल आर्ट बनाया है और कहां है कि यह एक स्वदेशी और परंपरागत कश्मीर का मार्शल आर्ट है। कश्मीर में "स्काए" का कोई इतिहास नहीं है। आगे उन्होंने कहा कि नजीर अहमद मीर ना सिर्फ "थांग-ता" मार्शल आर्ट को बर्बाद करने वाला है बल्कि धोखेबाज भी है। जम्मू और कश्मीर सरकार ने एक आरटीआई के जवाब में कहा कि जम्मू और कश्मीर में "स्काय" नाम का कोई मार्शल आर्ट नहीं है इसी बीच मणिपुर हाई कोर्ट ने दिनांक 17, 7, 2024 को नजीर अहमद मीर को "स्काय " फेडरेशन ऑफ इंडिया के नाम से कोई भी प्रतियोगिता कराने से रोक दिया है जब तक कि वह "थांग, ता" मार्शल आर्ट की नकल को नहीं हटाता।