विष्णु चौहान।पानीपत। अर्बन कोऑपरेटिव बैंक पानीपत में आयोजित सहकार भारती की प्रांतीय बैठक में राष्ट्रीय संगठन मंत्री संजय पंचपोर ने सहकारिता को भारतीय जीवन पद्धति का मूल संस्कार बताते हुए कहा कि सहकारिता हमारे जीवन के मूल में समाहित है, आवश्यकता केवल इसे समझने और व्यवहार में उतारने की है। उन्होंने कहा कि मानव जीवन का प्रत्येक कार्य प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से एक-दूसरे के सहयोग से और एक-दूसरे के लिए ही होता है। कार्यक्रम की शुरुआत दीपप्रज्वलन के साथ की गई। कार्यक्रम में मंच संचालन प्रान्त सह संगठन प्रमुख अनुपम कुमार ने किया। कार्यक्रम में पधारे मुख्य अतिथियों का स्वागत पानीपत अर्बन कोऑपरेटिव बैंक के संस्थापक ओमप्रकाश शर्मा ने पुष्प गुच्छे, स्मृति चिन्ह देकर एवं शाल उढ़ाकर किया।

कार्यकताओं को संबोधित करते हुए संजय पंचपोर ने परिवार का उदाहरण देते हुए कहा कि परिवार सहकारिता का सबसे शाश्वत और सशक्त स्वरूप है। परिवार में सभी निर्णय और व्यवस्थाएं परस्पर हितों को ध्यान में रखकर की जाती हैं, जहाँ सहयोग, समर्पण और जिम्मेदारी की भावना स्वाभाविक रूप से विकसित होती है। यही सहकारिता की वास्तविक आत्मा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सहकारिता के लिए संस्कार नींव का कार्य करते हैं। जब समाज में सहयोग और सेवा के संस्कार मजबूत होते हैं, तभी सहकारिता दीर्घकाल तक प्रभावी रह सकती है।
बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय संरक्षक ठाकुर दीनानाथ ने कहा कि समाज में सहकारिता को मजबूत करने के लिए सहयोगी और समर्पित भाव से कार्य करने वाले लोगों की पहचान कर प्रयास शुरू करने होंगे। उन्होंने कहा कि सहकारिता का आधार ही समावेशी है, जिसमें सभी वर्गों की सहभागिता सुनिश्चित होती है और यही इसकी सबसे बड़ी शक्ति है।
प्रांतीय अध्यक्ष राजवीर गोदारा ने अपने वक्तव्य में कहा कि सहकारिता के लिए अर्थ नहीं, बल्कि कर्म प्रधान है। उन्होंने कहा कि सहकारिता केवल लाभ की अवधारणा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सेवा, विश्वास और सामूहिक उत्थान का माध्यम है।
बैठक में प्रांत प्रमुख (मीडिया) विष्णु चौहान ने राष्ट्रीय अधिकारियों को अवगत कराया कि प्रदेश के 20 जिलों में जिला मीडिया प्रमुख की नियुक्ति हो चुकी है और जिला मीडिया प्रमुख अपने कर्तव्य का निर्वहन पूर्ण निष्ठा एवं समर्पण के साथ निर्भय कर रहे हैं।

प्रदेश महासचिव डॉ. सौरव भीष्म ने कहा कि हमारे देहवाक्यों में ही सहकारिता का सार निहित है। “वसुधैव कुटुम्बकम्” जैसे विचार भारतीय समाज को सहयोग और सामूहिकता की दिशा में प्रेरित करते हैं।
बैठक में वक्ताओं ने सहकारिता को जन-जन तक पहुँचाने का आह्वान करते हुए कहा कि सहयोग, समर्पण और संस्कारों के आधार पर ही एक सशक्त, समावेशी और आत्मनिर्भर समाज का निर्माण संभव है।
इस अवसर पर प्रांत महिला प्रमुख शीला लाकड़ा, प्रांत सह महिला प्रमुख तृप्ति शेओरान, प्रदेश उपाध्यक्ष कृष्ण शर्मा, प्रांत उपभोक्ता प्रकोष्ठ प्रमुख नीलम कश्यप, प्रांत हाउसिंग प्रकोष्ठ प्रमुख ब्रह्म प्रकाश, सह प्रचार प्रमुख कपिल मदान, स्वयं सहायता ग्रुप प्रमुख डॉ परविंदर सिंह, प्रांत मंत्री मोहित पाठक सहित सभी जिलों के अध्यक्ष व महामंत्री मौजूद रहे।




