
उत्तर प्रदेश! गोरखपुर, पुलिस की वर्दी पर एक और काला धब्बा। सीआईडी में तैनात महिला हेड कांस्टेबल सरोज यादव की हत्या का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। हत्यारा कोई और नहीं, उनका अपना पति और यूपी पुलिस का ही सिपाही अष्टभुज कुमार यादव है, जिसने प्रेमिका के लिप्तता बनाए रखने और 50 लाख रुपये के बीमा की रकम हड़पने के लालच में पत्नी को जहर देकर मार डाला। घटना इस साल की है। सरोज यादव की अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद अस्पताल में मौत हो गई थी। शुरू में इसे सामान्य मौत बताया गया, लेकिन परिजनों के शक और पोस्टमार्टम-फॉरेंसिक रिपोर्ट ने सच उजागर कर दिया। रिपोर्ट में शरीर में खतरनाक कीटनाशक एल्युमीनियम फॉस्फाइड (सेल्फॉस) जहर मिला। मामला हत्या में बदल गया। दबाव बढ़ा तो कई महीने फरार चल रहा सिपाही अष्टभुज यादव आखिरकार कोर्ट में सरेंडर कर दिया। मृतका के पिता हरिलाल यादव ने जो आरोप लगाए हैं, वे रोंगटे खड़े कर देने वाले हैं,अष्टभुज की खलीलाबाद पोस्टिंग के दौरान एक महिला कांस्टेबल से अवैध संबंध थे। सरोज ने जब इसका विरोध किया तो उसे बुरी तरह मारता-पीटता था। शादी के बाद सरोज के नाम पर 50 लाख का टर्म लाइफ इंश्योरेंस, 41 लाख का संयुक्त होम लोन और एक अन्य बैंक से 20 लाख का कर्ज लिया गया। मौत के बाद अष्टभुज ने इंश्योरेंस क्लेम के लिए भी आवेदन कर दिया था। यानी पत्नी को सिर्फ प्रेमिका के रास्ते से हटाने के लिए नहीं, बल्कि करोड़ों की संपत्ति और बीमा राशि पर कब्जा करने के लिए भी साजिश रची गई। यह किसी फिल्मी कहानी नहीं, उत्तर प्रदेश पुलिस के अंदर की काली सच्चाई है। जिस वर्दी को समाज की रक्षा के लिए पहनी जाती है, उसी वर्दी ने एक बेटी, एक पत्नी और एक महिला पुलिसकर्मी की जान ले ली। सवाल सिर्फ एक हत्यारे सिपाही का नहीं है। सवाल उन सिस्टम का है जो ऐसे हैवानों को वर्दी देता है, उनके चरित्र की जांच नहीं करता और महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वालों को संरक्षण देता रहता है। सरोज यादव की चीखें अब चीखें नहीं रहीं, सबूत बन चुकी हैं। अब देखना यह है कि उत्तर प्रदेश पुलिस इस कलंक को धोने के लिए कितनी सख्ती दिखाती है या फिर इसे भी “पर्सनल मैटर” बताकर दबा दिया जाएगा।समाज शर्मसार है। वर्दी शर्मसार है। और न्याय की उम्मीद अभी भी जिंदा है।
- indra Yadav/
- Correspondent-ishan times ..🙏



