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पीजीआई के भार्गव आडिटोरियम में स्पिक मैके के सौजन्य से आयोजित कार्यक्रम में भारत के सुप्रसिद्ध सितार वादक पद्मश्री उस्ताद शाहिद ,
परवेज़ ख़ान ने अपनी संगीतमय प्रस्तुति देकर अपने अद्भुत सितार वादन से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया
सितार का भविष्य अच्छा, संगीत का नहीं : उस्ताद शाहिद
कलाकार उस्ताद शायद परवेज़ ख़ान ने सभागार में उपस्थित श्रोताओं से मुख़ातिब होते हुए उन्हें स्सुर रॉग ताल संबंधी भारतीय शास्त्रीय संगीत की विशेषताओं का परिचय दिया उन्होंने बताया कि विश्व की सभी प्रकार के संगीत से भारतीय संगीत इसलिए भिन्न है क्योंकि इसमें जो गहराई और माधुर्य है वह इसकी अपनी विशेषता है ! राग शुद्ध सारंग के सभी रंगों की मनोहारी प्रस्तुति से उपस्थित श्रोताओं के हृदय के तारों को अलंकृत करते हुए प्रख्यात कलाकार ने उन्हें रस भीने संगीत से सरोबार कर दिया !
लेकिन संगीत के स्तर पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सितार का भविष्य अच्छा है, पर संगीत का अच्छा नहीं है। जितनी मेहनत होनी चाहिए, उतनी हो नहीं रही है। यह कहना है पद्मश्री सितारवादक शाहिद परवेज खान…
अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सितार वादक ने कहा कि संगीत को लेकर लोगों में जल्दबाजी ज्यादा है। जबकि संगीत जैसी विधा में सारी उम्र रियाज लाजिमी शर्त है।
कुछ तो माहौल और हर दौर की अलग अलग मिजाज पड़ा है। हर दौर का फर्क पड़ता है। तालीम में फर्क पड़ा है। सच्ची लग्न और ईमानदारी से सीखने की जरूरत है।
युवा पीढ़ी को सुझाव देते हुए उस्ताद परवेज ने कहा कि भारतवर्ष में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। टैलेंट के धनी युवा पहले सब्र से अच्छी तरह से संगीत की तालीम लें। फिर स्टेज पर आएं। जल्दबाजी के चक्कर में प्रतिभाएं गुम हो रहे हैं।